नई दिल्ली में 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। इसमें वर्ष 2014 में भारतीय सिनेमा के लिए सर्वश्रेष्ठ योगदान देने वाले लोगों और फिल्मों के लिए सम्मान की घोषणा की गई। 'क्वीन', 'हैदर' और 'मैरीकॉम' ने राष्ट्रीय पुरस्कारों में कई अवॉर्ड बटोरे हैं। चैतन्य तम्हाने की 'कोर्ट' सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित की गई।
उम्मीदों के अनुसार राष्ट्रीय पुरस्कारों में भी 2014 में दर्शकों और आलोचकों की पसंदीदा विकास बहल की कंगना रानावत स्टारर फिल्म 'क्वीन' छाई रही। 'क्वीन' को बेस्ट हिन्दी फिल्म और कंगना रानावत को बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला।
23 मार्च को ही अपना जन्मदिन मनाने वाली 28-वर्षीय कंगना को एक दिन बाद ही नेशनल अवॉर्ड के रूप में बेहतरीन गिफ्ट मिला। यह उनके करियर का दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है। उनकी फिल्म 'क्वीन' ऐसी लड़की की कहानी है, जो अपने मंगेतर से धोखा खाने के बाद अकेले ही विदेश में हनीमून मनाने चली जाती है। कंगना को 2010 में फिल्म 'फैशन' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है।
बेस्ट ऐक्टर के अवॉर्ड के लिए कन्नड अभिनेता विजय के नाम की घोषणा की गई है। उन्हें यह अवॉर्ड कन्नड फिल्म 'नानू अवनल्ला अवालू' में भावनात्मक किरदार अदा करने के लिए मिल रहा है। इस दौड़ में उन्होंने 'पीके' के लिए आमिर खान, 'हैदर' के लिए शाहिद कपूर और 'मुन्नारिईपू' के लिए ममूटी को पीछे छोड़ा। बेस्ट होलसम एंटरटेनमेंट का अवॉर्ड हिन्दी फिल्म 'मैरी कॉम' को मिलेगा।
भारतीय न्याय व्यवस्था की खामियों पर केंद्रित फिल्म 'कोर्ट' राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई है। 17 अप्रैल को फिल्म के सिनेमाघरों में प्रदर्शन से पहले यह पुरस्कार मिलने से इसे और अधिक सफलता मिल सकती है।
विलियम शेक्सपियर के प्रसिद्ध उपन्यास 'हैमलेट' पर बनी शाहिद कपूर अभिनीत 'हैदर' को भी पांच पुरस्कारों के लिए चुना गया है। 'हैदर' के हिस्से सबसे ज्यादा राष्ट्रीय पुरस्कार आए। बेस्ट डायलॉग और म्यूज़िक के लिए विशाल भारद्वाज, बेस्ट कॉस्टयूम के लिए डॉली आहलुवालिया, बेस्ट कोरियोग्राफी के लिए सुदेश अदाना और 'हैदर' में 'बिस्मिल' गाने के लिए सुखविंदर सिंह को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा।
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार बांग्ला फिल्मकार श्रीजीत मुखर्जी की झोली में फिल्म 'चतुष्कोण' के लिए गया। 'चतुष्कोण' को सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी और स्क्रीनप्ले (मूल) के लिए भी सम्मानित किया जाएगा। मलयाली फिल्म 'नाइनटीन ऐटी थ्री' के लिए गोपी सुंदर को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व संगीत के राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा।
सर्वश्रेष्ठ गीतकार के सम्मान से तमिल फिल्म 'सैवम' में गीत लिखने वाले एनए मुथुकुमार को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके गीत 'अझागु' के लिए गायिका उत्तरा उन्नीकृष्णन सर्वश्रेष्ठ पाश्र्व गायिका का खिताब पाने में सफल रहीं।
इस बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए हरियाणवी एक्ट्रेस बजिंदर कौर को चुना गया है। यह किसी हरियाणवी अभिनेत्री का पहला राष्ट्रीय पुरस्कार है। किसी निर्देशक की पहली सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार बांग्ला फिल्म 'आशा जओआर माझे' के लिए आदित्य विक्रम सेनगुप्ता के नाम रहा।
पर्यावरण संरक्षण की श्रेणी में सबसे अच्छी फिल्म मलयालम भाषा की 'उत्ताल' रही। इसे एक और पुरस्कार के लिए चुना गया है। सिनेमा में फीचर श्रेणी, गैर-फीचर श्रेणी और सर्वश्रेष्ठ लेखन पर तीन ज्यूरी के प्रमुखों ने मंगलवार को 2014 के लिए 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की।
घोषणा से पहले तीनों निर्णायक मंडलों के प्रमुखों और सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट सूचना प्रसारण मंत्री अरुण जेटली को सौंपी। एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आगामी तीन मई को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित कर सकते हैं। इसी दिन दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया जाएगा, जिसके लिए इस साल अभिनेता शशि कपूर का नाम चुना गया है।
62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में छोटे शहरों की बड़ी कहानियों से लेकर आम लोगों के हौसले जैसे मसलों के विषय जूरी को खासे पसंद आए। बड़े बजट की चमक-धमक, बड़े सितारों के ग्लैमर और बॉक्स ऑफिस की चकाचौंध से ऊपर उठकर जूरी ने इस साल छाप छोड़ने वाली फिल्मों को प्रोत्साहन दिया।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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