मुज़फ्फर अली की फाइल फोटो
मुंबई:
फिल्मकार मुज़फ्फर अली निराश हैं। 1981 में रेखा के साथ क्लासिक 'उमराव जान' बनाने वाले फिल्मकार अपनी नई फिल्म पीरियड ड्रामा 'जानिसार' को लेकर परेशान हैं। पर्निया खुरेशी और पाकिस्तानी अभिनेता इमरान अब्बास स्टारर 'जानिसार' को रिलीज़ के लिए स्क्रीन नहीं मिल रहे हैं। नतीजा यह है कि मुज़फ्फर अली को फिल्म रिलीज़ की डेट बदलनी पड़ी।
मुज़फ्फर अली चाहते थे की फिल्म स्वतंत्रता दिवस को रिलीज़ करें क्योंकि फिल्म उस ज़माने की है, लेकिन डेट पहले से ही सिनेमा हॉल्स में करन जौहर ने बुक कर रखी है अपनी फिल्म 'ब्रदर्स' के लिए। इसके बाद मुज़फ्फर अली ने अगस्त 21 को फिल्म रिलीज़ करने की सोची तो सामने आ खड़ी हुई उमेश शुकला की अभिषेक बच्चन-ऋषी कपूर स्टारर 'ऑल इज़ वेल'।
मुज़फ्फर अली ने अब 'जानिसार' को 7 अगस्त को ही रिलीज़ करने की ठान ली है। उन्होंने कहा, 'मैं बड़े बजट की शोर शराबे वाली मल्टी स्टारर फिल्मों से कैसे मुकाबला कर सकता हूं। 'किल्ला', 'मसान' और मेरे जैसे छोटे फिल्मकार की फिल्में लोग पसंद तो करते हैं, लेकिन हॉल नहीं मिलते। संजय लीला भंसाली की पीरियड ड्रामा 'बाजी राव मस्तानी' से तुलना पर 70 साल के मुज़फ्फर अली ने कहा, मैंने 'जानिसार' 54 दिनों में बनाई वहीं 'बाजी राव मस्तानी' 300 दिन में बनी है।।बड़े सितारे हैं। बड़े बजट बड़ा प्रचार। मेरी फिल्म से कोई तुलना नहीं।
बाहुबली और बजरंगी भाईजान के दौर में छोटे फिल्मकारों को दर्शकों तक अपनी फिल्में पहुंचाना ही सबसे बड़ी चुनौती है। बहरहाल, अब मुज़फ्फर अली की 'जानिसार' 7 अगस्त का मुंह ताक रही है, लेकिन बेहतरीन फिल्म बनाने के बावजूद हॉल्स में दर्शक आएंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है यह बात मुज़फ्फर अली भी अच्छी तरह से जानते हैं।
मुज़फ्फर अली चाहते थे की फिल्म स्वतंत्रता दिवस को रिलीज़ करें क्योंकि फिल्म उस ज़माने की है, लेकिन डेट पहले से ही सिनेमा हॉल्स में करन जौहर ने बुक कर रखी है अपनी फिल्म 'ब्रदर्स' के लिए। इसके बाद मुज़फ्फर अली ने अगस्त 21 को फिल्म रिलीज़ करने की सोची तो सामने आ खड़ी हुई उमेश शुकला की अभिषेक बच्चन-ऋषी कपूर स्टारर 'ऑल इज़ वेल'।
मुज़फ्फर अली ने अब 'जानिसार' को 7 अगस्त को ही रिलीज़ करने की ठान ली है। उन्होंने कहा, 'मैं बड़े बजट की शोर शराबे वाली मल्टी स्टारर फिल्मों से कैसे मुकाबला कर सकता हूं। 'किल्ला', 'मसान' और मेरे जैसे छोटे फिल्मकार की फिल्में लोग पसंद तो करते हैं, लेकिन हॉल नहीं मिलते। संजय लीला भंसाली की पीरियड ड्रामा 'बाजी राव मस्तानी' से तुलना पर 70 साल के मुज़फ्फर अली ने कहा, मैंने 'जानिसार' 54 दिनों में बनाई वहीं 'बाजी राव मस्तानी' 300 दिन में बनी है।।बड़े सितारे हैं। बड़े बजट बड़ा प्रचार। मेरी फिल्म से कोई तुलना नहीं।
बाहुबली और बजरंगी भाईजान के दौर में छोटे फिल्मकारों को दर्शकों तक अपनी फिल्में पहुंचाना ही सबसे बड़ी चुनौती है। बहरहाल, अब मुज़फ्फर अली की 'जानिसार' 7 अगस्त का मुंह ताक रही है, लेकिन बेहतरीन फिल्म बनाने के बावजूद हॉल्स में दर्शक आएंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है यह बात मुज़फ्फर अली भी अच्छी तरह से जानते हैं।
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