Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
रानी मुखर्जी अच्छी अभिनेत्री हैं, पर गड़बड़ स्क्रीन−प्ले और भटकती कहानी की वजह से वह अपनी छाप नहीं छोड़ पाती हैं। 'अय्या' के उबड़-खाबड़ सफर के लिए रेटिंग है- 1.5 स्टार...
मीनाक्षी एक आर्ट कॉलेज में नौकरी करती हैं और यहां उनकी मुलाकात होती है, कॉलेज के एक स्टूडेंट पृथ्वीराज से, जिन्हें वह दिल दे बैठती हैं। बाकी पूरी फिल्म में रानी, पृथ्वीराज का रहस्य जानने और उनसे अपने दिल की बात कहने की कोशिश करती रहती हैं।
सबसे पहली बात... फिल्म को दखकर लगा कि डायरेक्टर सचिन शायद कन्फ्यूज हो गए कि फिल्म को किस शैली में डालें, कॉमेडी या सीरियस…इसकी वजह से अचानक आए कॉमिक सीन, भावनात्मक सीन को बीच में ही तोड़ देते हैं। कुछ सीन देखकर लगता है कि उनकी फिल्म में जरूरत ही नहीं थी। कहीं-कहीं यह समझना मुश्किल लगता है कि क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है...
फिल्म में रानी की दादी, मां और भाई सभी एक ही अंदाज में एक्टिंग कर रहे हैं। सिर्फ सुबोध भावे, जो फिल्म में रानी से शादी करना चाहते हैं और रानी के पिता की भूमिका में सतीश आलेकर ने अपने−अपने किरदार के साथ न्याय किया है।
रानी मुखर्जी अच्छी अभिनेत्री हैं, पर गड़बड़ स्क्रीन−प्ले और भटकती कहानी की वजह से वह अपनी छाप नहीं छोड़ पाती हैं। कुछ गाने अच्छे हैं, पर रानी डांस में मशक्कत करती दिखीं। वह डांस को महसूस करने की बजाय बड़े ध्यान से एक-एक स्टेप करती नजर आती हैं। पृथ्वीराज के पास करने को बहुत कुछ नहीं है, पर फिल्म में अपनी मौजूदगी दिखाने की खूब कोशिश करते हैं। कुल मिलाकर 'अय्या' के उबड़-खाबड़ सफर के लिए रेटिंग है- 1.5 स्टार...
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
Aiyyaa, Movie Review, Film Review, Rani Mukherjee, Prithviraj, Sachin Kundalkar, अय्या, फिल्म समीक्षा, रानी मुखर्जी, पृथ्वीराज, सचिन कुंदालकर, प्रशांत सिसौदिया, Prashant Sisodiya, Prashant Shishodia