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This Article is From May 27, 2017

जल्द ही भारत में रिलीज होगी 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का', 1 हफ्ते में मिलेगा सेंसर सर्टिफिकेट

प्रोड्यूसर प्रकाश झा की फिल्‍म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' को सेंसर बोर्ड एक हफ्ते के अंदर सर्टिफिकेट सौंप देगा.

जल्द ही भारत में रिलीज होगी 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का', 1 हफ्ते में मिलेगा सेंसर सर्टिफिकेट
नई दिल्ली: फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को निर्देश दिया है कि वह फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' को एक हफ्ते के अंदर सर्टिफिकेट सौंप दे. सीबीएफसी ने जब इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया, उसके बाद निर्माताओं ने न्यायाधिकरण में अपील की थी. फिल्म के निर्माताओं की ओर से जारी बयान के मुताबिक, एफसीएटी ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी किया है. निर्माता प्रकाश झा ने अपने बयान में कहा, "जैसा कि सबको पता है, सीबीएफसी इस फिल्म के लिए प्रमाणपत्र जारी नहीं कर रहा था, तब हमें एफसीएटी से एक बार फिर गुहार लगानी पड़ी. मुझे खुशी है कि एफसीएटी ने सीबीएफसी को एक हफ्ते के अंदर फिल्म को प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया है. हम जल्द ही फिल्म रिलीज करने की तारीख की घोषणा करेंगे." 
 
lipstick under my burkha prakash jha

इससे पहले एफसीएटी ने सीबीएफसी से 18 अप्रैल, 2017 को एक आदेश के तहत फिल्म को 'ए' सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया था, लेकिन सीबीएफसी ने फिर भी प्रमाणपत्र जारी नहीं किया. जब एफसीसीएटी को निर्माता ने फिल्म को प्रमाणपत्र मिलने में हो रही देरी के बारे में सूचित किया, तो उन्होंने इस बारे में जानने के लिए सीबीएफसी को समन भेजा, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला, जिसके बाद ये निर्देश दिया गया है. 

पहलाज निहलानी की अध्यक्षता वाला सीबीएफसी इस फिल्म को प्रमाणपत्र देने से कतराता रहा है. उसका कहना है कि इस फिल्म में अश्लील और गाली-गलौज वाले शब्दों की भरमार है. दूसरी ओर निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने कहा, "सीबीएफसी द्वारा परेशान करने की ये सब चाल है. वे एक बार फिर महिलाओं की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, चूंकि एफसीएटी ने इस बात का उल्लेख किया है कि फिल्म को प्रमाणपत्र देने से सीबीएफसी मना नहीं कर सकता, क्योंकि यह महिला प्रधान फिल्म है. सीबीएफसी बेवजह इस प्रकिया में देरी कर रहा है."

इस बीच, फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' फ्रांस में हुए फिल्म्स जे फेमिस क्रेटील में ग्रैंड जूरी पुरस्कार जीतने के साथ ही विदशों में हुए कई फिल्म महोत्सवों में कई अवार्ड जीत चुकी है. यह फिल्म आधिकारिक रूप से दुनियाभर में 25 फिल्म महोत्सवों से ज्यादा का हिस्सा बन चुकी है. कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, अहाना कुमरा और प्लाबिता बोरठाकुर जैसे कलाकारों से सजी यह फिल्म छोटे कस्बे की चार ऐसी महिलाओं की कहानी है, जो खुलकर अपनी जिंदगी जीना चाहती हैं. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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