नई दिल्ली:
जिस फिल्म को भारत में सेंसर बोर्ड की हरी झंडी तक नहीं मिल सकी है, उस फिल्म को दुनिया के बेहद प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए चुना गया है. जी हां, फिल्ममेकर प्रकाश झा की फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' को हॉलीवुड फॉरिन प्रेस असोसिएशन द्वारा चुना गया है. इस फिल्म को लॉस एंजलिस में हुए भारतीय फिल्मोत्सव (आईएफएफएलए) में प्रदर्शित किया गया था और यहीं से इसे हॉलीवुड फॉरिन प्रेस असोसिएशन द्वारा चुना गया है. क्योंकि इस फिल्म को अब चुन लिया गया है जिसका मतलब यह है कि अब इस फिल्म की डायरेक्टर अलंकारिता श्रीवास्तव और प्रोड्यूसर प्रकाश झा इसे इस साल के गोल्डन ग्लोब्स अवॉर्ड्स में एक आधिकारिक एंट्री के तौर पर भेज सकते हैं.
चार महिलाओं की इस कहानी को दुनिया के कई देशों में हुए फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया जा चुका है और इसे दुनियाभर में काफी तारीफें मिल रही हैं. बता दें कि गोल्डन ग्लोब्स, अमेरिका के सम्मानित टीवी और फिल्म अवॉर्ड हैं जिसे हॉलीवुड फॉरिन प्रेस असोसिएशन द्वारा आयोजित किया जाता है.
भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म पर 'असंस्कारी' होने का ठप्पा लगा दिया था. बोर्ड ने कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक अभिनीत इस अवॉर्ड विनिंग फिल्म को प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया था जिसके चलते इस फिल्म को भारत में नहीं देखा जा सका है. इसकी वजह बताते हुए सेंसर बोर्ड ने लिखा था कि यह कुछ ज्यादा ही 'महिला केंद्रित' है.
सेंसर बोर्ड द्वारा लगाए इस बैन का भारत में काफी विरोध हुआ था. फिल्म के प्रोड्यूसर प्रकाश झा ने इस विरोध पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यह फिल्म भारत के लोगों की पुरानी विचारधारा के लिए एक झटके की तरह है. उन्होंने कहा, 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का एक खूबसूरत फिल्म है. यह समाज के उथले और दमनकारी नियमों को तोड़ती है, जिनके मुताबिक महिलाएं अपनी कल्पनाओं के बारे में खुलकर बात नहीं कर सकतीं. वे जिंदगी को केवल पुरुषों की मानसिकता के अनुसार देखने की आदी हैं और सीबीएफसी के पत्र से यही जाहिर होता है."
यहां देखें इस फिल्म का ट्रेलर-
लिपस्टिक अंडर माई बुर्का एक छोटे से शहर में रहने वाली चार महिलाओं की कहानी है जो अपने लिए आजादी की तलाश करने की कोशिश करती हैं. फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, विक्रांत मैसी, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर और शशांक अरोड़ा ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं.
चार महिलाओं की इस कहानी को दुनिया के कई देशों में हुए फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया जा चुका है और इसे दुनियाभर में काफी तारीफें मिल रही हैं. बता दें कि गोल्डन ग्लोब्स, अमेरिका के सम्मानित टीवी और फिल्म अवॉर्ड हैं जिसे हॉलीवुड फॉरिन प्रेस असोसिएशन द्वारा आयोजित किया जाता है.
भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म पर 'असंस्कारी' होने का ठप्पा लगा दिया था. बोर्ड ने कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक अभिनीत इस अवॉर्ड विनिंग फिल्म को प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया था जिसके चलते इस फिल्म को भारत में नहीं देखा जा सका है. इसकी वजह बताते हुए सेंसर बोर्ड ने लिखा था कि यह कुछ ज्यादा ही 'महिला केंद्रित' है.
सेंसर बोर्ड द्वारा लगाए इस बैन का भारत में काफी विरोध हुआ था. फिल्म के प्रोड्यूसर प्रकाश झा ने इस विरोध पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यह फिल्म भारत के लोगों की पुरानी विचारधारा के लिए एक झटके की तरह है. उन्होंने कहा, 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का एक खूबसूरत फिल्म है. यह समाज के उथले और दमनकारी नियमों को तोड़ती है, जिनके मुताबिक महिलाएं अपनी कल्पनाओं के बारे में खुलकर बात नहीं कर सकतीं. वे जिंदगी को केवल पुरुषों की मानसिकता के अनुसार देखने की आदी हैं और सीबीएफसी के पत्र से यही जाहिर होता है."
यहां देखें इस फिल्म का ट्रेलर-
लिपस्टिक अंडर माई बुर्का एक छोटे से शहर में रहने वाली चार महिलाओं की कहानी है जो अपने लिए आजादी की तलाश करने की कोशिश करती हैं. फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, विक्रांत मैसी, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर और शशांक अरोड़ा ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं