नई दिल्ली:
'ए डेथ इन द गूंज' फिल्म से बतौर निर्देशन की पारी की शुरूआत करने जा रही अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा का मानना है कि एक बेहतरीन फिल्म बनाना और उसे बढ़ावा देना आसान नहीं है. इस फिल्म को काफी तारीफ मिली, लेकिन इसके हिस्से में ज्यादा स्क्रीन नहीं आए. अभिनेत्री ने बताया कि व्यावसायिक और स्वतंत्र दोनों फिल्में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वैकल्पिक सिनेमा को टिकट खिड़की पर बहुत चुनौती का सामना करना पड़ता है.
उन्होंने आगे कहा, "सभी तरह की फिल्में बनाना महत्वपूर्ण है. मुख्यधारा की सिनेमा का फिल्म जगत में बड़ा स्थान है और उसके बाद वैकल्पिक सिनेमा मुख्यधारा की फिल्मों में शामिल नहीं हो पाता है.
कोंकणा ने एक साक्षात्कार में पीटीआई को बताया, "लेकिन जब आपकी फिल्म छोटी होती है और इसमें बड़े सितारे नहीं होते हैं तब आपके पास सीमित बजट होता है और आपको अपनी फिल्म प्रदर्शित करने में मुश्किल आती है. सितारे हमारे भावनात्मक मानस का एक हिस्सा हैं, लेकिन दर्शकों को भी बिना बड़े सितारे के बनी एक अच्छी फिल्म का समर्थन करना चाहिए."
उन्होंने आगे कहा, "सभी तरह की फिल्में बनाना महत्वपूर्ण है. मुख्यधारा की सिनेमा का फिल्म जगत में बड़ा स्थान है और उसके बाद वैकल्पिक सिनेमा मुख्यधारा की फिल्मों में शामिल नहीं हो पाता है.
कोंकणा ने एक साक्षात्कार में पीटीआई को बताया, "लेकिन जब आपकी फिल्म छोटी होती है और इसमें बड़े सितारे नहीं होते हैं तब आपके पास सीमित बजट होता है और आपको अपनी फिल्म प्रदर्शित करने में मुश्किल आती है. सितारे हमारे भावनात्मक मानस का एक हिस्सा हैं, लेकिन दर्शकों को भी बिना बड़े सितारे के बनी एक अच्छी फिल्म का समर्थन करना चाहिए."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं