कंगना रनौत ने करण जौहर के बयान पर अपना जवाब दिया है.
नई दिल्ली:
कंगना रनौत ने करण जौहर द्वारा अपने लिए 'विक्टिम कार्ड' और 'महिला कार्ड' जैसे शब्द इस्तेमाल किए जाने पर पलटवार किया है और यकीन मानिए, कंगना ने अपने दिल की बात बेहद साफ तरीके से रखी है. कंगना ने मुंबई मिरर को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि करण जौहर 'भाई-भतीजावाद' का क्या मतलब समझते हैं यह उन्हें नहीं पता. कंगना ने कहा कि वह मुझे अपने शो पर बोलने का मौका देने की बात कर रहे थे, तो मैंने उनसे पहले कई बड़े लोगों के साथ इंटरव्यू दिए हैं. उनकी टीम ने मेरी टीम से कई बार शो में मुझे बलाने के लिए संपर्क किया है. करण जौहर द्वारा कंगना के लिए इंडस्ट्री छोड़ने की बात पर कंगना ने कहा कि बॉलीवुड इंडस्ट्री उनके पिता द्वारा उन्हें दिया गया कोई स्टूडियो नहीं है, यह उससे काफी बड़ी है और हम सब का उसपर हक है.
बता दें कि कंगना रनौत हाल ही में करण जौहर के चैट शो 'कॉफी विद करण' में नजर आई थीं और इस शो में कंगना ने करण को बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद का परचम फैलाने वाला कहा था. इसके कुछ दिनों बाद लंदन के स्कूल ऑफ इकनोमिक्स में आयोजिए हुए एक इवेंट के दौरान करण जौहर से कंगना रनौत के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'मैं कंगना के 'महिला कार्ड' और 'विक्टिम कार्ड' से परेशान हो गया हूं.' करण ने इस दौरान कहा, 'आप को जब भी मौका मिले तो आप हमेशा किसी ऐसे पीड़ित की तरह पेश नहीं आ सकते कि जैसे आपको बॉलीवुड इंडस्ट्री में काफी आतंकित किया गया है. अगर यह इतनी ही बुरी है तो इसे छोड़ दें.'
मुंबई मिरर को दिए अपने इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा, ' मैं करण जौहर की समझ पर कोई बात नहीं कर सकती कि वह 'नेपोटिज्म' (भाई-भतीजावाद) का क्या मतलब समझते हैं. अगर वह समझते हैं कि यह सिर्फ बेटा-बेटी, कजिन या रिश्तेदारों तक सीमित है तो मैं उनकी समझ के लिए कुछ नहीं कह सकती.'
करण जौहर ने लंदन में कहा था कि वह अगर कंगना को प्लेटफॉर्म नहीं देते तो वह ऐसा कुछ नहीं बोल पातीं. इस पर कंगना ने कहा, 'मुझे यह समझ नहीं आया कि वह अपने शो में बुला कर मुझे प्लेटफॉम कैसे दे सकते हैं. मैं उनसे पहले कई ग्लोबल आइकन्स को इंटरव्यू दे चुकी हूं. और यहां बताना जरूरी है कि मुझे उनके शो के 5वें सीजन में बुलाया गया है. उनकी टीम मेरी टीम से कई बार इसका अनुरोध कर चुकी थी.'
मुंबई मिरर को दिए इस इंटरव्यू में कंगना ने कहा, ' मुझे समझ नहीं आता कि करण जौहर एक महिला को उसके महिला होने के लिए क्यों शर्मिंदा कर रहे हैं? यह 'वुमेन कार्ड' या 'विक्टिम कार्ड' का मतलब क्या है? ऐसा कहकर उन्होंने उस हर महिला का अपमान किया है जिन्हें वास्तव में ऐसे 'कार्ड्स' की जरूरत होती है. यह 'वुमेन कार्ड' शायद आपके या किसी ओलंपिक विजेता या किसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता के काम भले ही न आए, लेकिन यह एक प्रेग्नेंट महिला को भीड़ भरी बस में 'लेडीज' सीट दिलाने के काम आता है. यह एक महिला को खतरा महसूस होने पर रोने के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे ही यह 'विक्टिम कार्ड' भी, मेरी बहन रंगोली जैसी लड़कियों के काम आता है जो एक ऐसिड अटैक विक्टिम है, ताकि वह न्याय पा सकें.' कंगना ने कहा, ' हम किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि एक सोच के खिलाफ लड़ रहे हैं. मैं करण जौहर से नहीं इस मर्दवादी सोच से लड़ रही हूं.'
करण जौहर हाल ही में सरोगेसी के माध्यम से एक बेटी और एक बेटे के पिता बने हैं. इस पर कंगना ने मुंबई मिरर को बताया, 'अब करण जौहर एक छोटी सी बेटी के पिता है, ऐसे में उन्हें अपनी बेटी को यह सारे 'कार्ड्स' देने चाहिए, जैसे 'वुमेन कार्ड', 'विक्टिम कार्ड' और 'सेल्फ-मेड-इंडिपेंडेंट वुमेन कार्ड'. या शायद 'अड़ियल कार्ड' जो मैंने उनके शो पर इस्तेमाल किया था.'
कंगना ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात का भी अचंभा है कि आखिर करण ने शो से वह हिस्सा हटाया क्यों नहीं. अगर मेरे साथ ऐसा कुछ होता तो मैं उस चैनल को ब्लैकलिस्ट कही कर देती. हमें याद रखना चाहिए कि चैनल को टीआईपी चाहिए थी और करण जौहर को इस शो की होस्टिंग के पैसे दिए जाते हैं.
करण ने कहा था कि अगर कंगना को लगता है कि यह इंडस्ट्री इतनी बुरी है तो छोड़ क्यों नहीं देतीं. इस पर कंगना ने इस इंटरव्यू में यह भी कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री करण जौहर के पिता द्वारा उन्हें 20 साल की उम्र में दिया गया कोई छोटा सा स्टूडियो नहीं है. वह सिर्फ उसका एक छोटा हिस्सा है. यह इंडस्ट्री हम जैसे लोगों से बनी है जिनके माता-पिता उन्हें इसके लिए फॉर्मल ट्रेनिंग भी नहीं दे सकते. मैंने यह सब अपने काम के दौरान ही सीखा है और जो पैसा मुझे इसके लिए मिला है, उसा इस्तेमाल मैं अपने आप को न्यूयॉर्क में सीखने के लिए कर रही हूं. वह मुझे नहीं बता सकते कि मैं इसे छोड़ दूं. मैं कहीं नहीं जा रही हूं.
बता दें कि कंगना रनौत हाल ही में करण जौहर के चैट शो 'कॉफी विद करण' में नजर आई थीं और इस शो में कंगना ने करण को बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद का परचम फैलाने वाला कहा था. इसके कुछ दिनों बाद लंदन के स्कूल ऑफ इकनोमिक्स में आयोजिए हुए एक इवेंट के दौरान करण जौहर से कंगना रनौत के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'मैं कंगना के 'महिला कार्ड' और 'विक्टिम कार्ड' से परेशान हो गया हूं.' करण ने इस दौरान कहा, 'आप को जब भी मौका मिले तो आप हमेशा किसी ऐसे पीड़ित की तरह पेश नहीं आ सकते कि जैसे आपको बॉलीवुड इंडस्ट्री में काफी आतंकित किया गया है. अगर यह इतनी ही बुरी है तो इसे छोड़ दें.'
मुंबई मिरर को दिए अपने इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा, ' मैं करण जौहर की समझ पर कोई बात नहीं कर सकती कि वह 'नेपोटिज्म' (भाई-भतीजावाद) का क्या मतलब समझते हैं. अगर वह समझते हैं कि यह सिर्फ बेटा-बेटी, कजिन या रिश्तेदारों तक सीमित है तो मैं उनकी समझ के लिए कुछ नहीं कह सकती.'
करण जौहर ने लंदन में कहा था कि वह अगर कंगना को प्लेटफॉर्म नहीं देते तो वह ऐसा कुछ नहीं बोल पातीं. इस पर कंगना ने कहा, 'मुझे यह समझ नहीं आया कि वह अपने शो में बुला कर मुझे प्लेटफॉम कैसे दे सकते हैं. मैं उनसे पहले कई ग्लोबल आइकन्स को इंटरव्यू दे चुकी हूं. और यहां बताना जरूरी है कि मुझे उनके शो के 5वें सीजन में बुलाया गया है. उनकी टीम मेरी टीम से कई बार इसका अनुरोध कर चुकी थी.'
मुंबई मिरर को दिए इस इंटरव्यू में कंगना ने कहा, ' मुझे समझ नहीं आता कि करण जौहर एक महिला को उसके महिला होने के लिए क्यों शर्मिंदा कर रहे हैं? यह 'वुमेन कार्ड' या 'विक्टिम कार्ड' का मतलब क्या है? ऐसा कहकर उन्होंने उस हर महिला का अपमान किया है जिन्हें वास्तव में ऐसे 'कार्ड्स' की जरूरत होती है. यह 'वुमेन कार्ड' शायद आपके या किसी ओलंपिक विजेता या किसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता के काम भले ही न आए, लेकिन यह एक प्रेग्नेंट महिला को भीड़ भरी बस में 'लेडीज' सीट दिलाने के काम आता है. यह एक महिला को खतरा महसूस होने पर रोने के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे ही यह 'विक्टिम कार्ड' भी, मेरी बहन रंगोली जैसी लड़कियों के काम आता है जो एक ऐसिड अटैक विक्टिम है, ताकि वह न्याय पा सकें.' कंगना ने कहा, ' हम किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि एक सोच के खिलाफ लड़ रहे हैं. मैं करण जौहर से नहीं इस मर्दवादी सोच से लड़ रही हूं.'
करण जौहर हाल ही में सरोगेसी के माध्यम से एक बेटी और एक बेटे के पिता बने हैं. इस पर कंगना ने मुंबई मिरर को बताया, 'अब करण जौहर एक छोटी सी बेटी के पिता है, ऐसे में उन्हें अपनी बेटी को यह सारे 'कार्ड्स' देने चाहिए, जैसे 'वुमेन कार्ड', 'विक्टिम कार्ड' और 'सेल्फ-मेड-इंडिपेंडेंट वुमेन कार्ड'. या शायद 'अड़ियल कार्ड' जो मैंने उनके शो पर इस्तेमाल किया था.'
कंगना ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात का भी अचंभा है कि आखिर करण ने शो से वह हिस्सा हटाया क्यों नहीं. अगर मेरे साथ ऐसा कुछ होता तो मैं उस चैनल को ब्लैकलिस्ट कही कर देती. हमें याद रखना चाहिए कि चैनल को टीआईपी चाहिए थी और करण जौहर को इस शो की होस्टिंग के पैसे दिए जाते हैं.
करण ने कहा था कि अगर कंगना को लगता है कि यह इंडस्ट्री इतनी बुरी है तो छोड़ क्यों नहीं देतीं. इस पर कंगना ने इस इंटरव्यू में यह भी कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री करण जौहर के पिता द्वारा उन्हें 20 साल की उम्र में दिया गया कोई छोटा सा स्टूडियो नहीं है. वह सिर्फ उसका एक छोटा हिस्सा है. यह इंडस्ट्री हम जैसे लोगों से बनी है जिनके माता-पिता उन्हें इसके लिए फॉर्मल ट्रेनिंग भी नहीं दे सकते. मैंने यह सब अपने काम के दौरान ही सीखा है और जो पैसा मुझे इसके लिए मिला है, उसा इस्तेमाल मैं अपने आप को न्यूयॉर्क में सीखने के लिए कर रही हूं. वह मुझे नहीं बता सकते कि मैं इसे छोड़ दूं. मैं कहीं नहीं जा रही हूं.
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