'कबाली' के निर्देशक नहीं चाहते दलित के रूप में पहचान बनाना

'कबाली' के निर्देशक नहीं चाहते दलित के रूप में पहचान बनाना

फिल्म से ली गई तस्वीर

खास बातें

  • पा. रंजीत हैं फिल्म 'कबाली' के निर्देशक
  • दलित फिल्मकार के रूप में नहीं बनाना चाहते पहचान
  • फिल्म अमेरिका सहित हर जगह असाधारण ढंग से हो रही है कामयाब
नई दिल्ली:

रजनीकांत अभिनीत तमिल फिल्म 'कबाली' के साथ सफलता प्राप्त करे रहे फिल्मकार पा. रंजीत ने बताया कि फिल्मों में वह जाति असमानताओं का व्याख्यान कर रहे हैं, क्योंकि वह खुद इससे प्रभावित हुए हैं। वह दलित फिल्मकार के रूप में खुद की पहचान बनना नहीं चाहते हैं।

मैं दलित फिल्मकार के रूप में पहचान बनाना नहीं चाहता
रंजीत ने इस फिल्म की सफलता बैठक के मौके पर कहा, 'मैं दलित फिल्मकार के रूप में पहचान बनाना नहीं चाहता। मैंने अपनी फिल्मों में जाति असमानताओं को दिखाया है, क्योंकि मैं खुद इससे प्रभावित हूं। यहां तक कि मैं दीन समुदाय से ताल्लुक नहीं रखता। मैं समाज में असमानता के बारे में बात जारी रखूंगा।' फिल्म 'कबाली' में रजनीकांत एक डॉन की भूमिका में हैं, जो मलेशिया में तमिलों के हक की लड़ाई लड़ता है।

फिल्म अमेरिका सहित हर जगह असाधारण ढंग से हो रही है कामयाब
फिल्म में रजनीकांत को सत्यनारायण की किताब 'माई फादर बेलेहा' पढ़ते देखा गया। इसमें तेलंगाना दलित मडिगा से जुड़े अनुभव बताए गए हैं। रंजीत ने कहा कि प्रत्येक फिल्मकार को समाज में संरचनात्मक असमानताओं के बारे में बात करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि यह फिल्म अमेरिका सहित हर जगह असाधारण ढंग से कामयाब हो रही है।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com