फिल्म अलीगढ़ का एक सीन
मुंबई:
जल्द 'अलीगढ़' नाम से एक फिल्म लेकर आ रहे फिल्मकार हंसल मेहता का कहना है कि उनकी फिल्मों को 'अपारंपरिक' कहना सही नहीं होगा। हंसल ने कहा, 'मेरी फिल्मों को ऑफबीट या अपारंपरिक कहना सही नहीं होगा। दर्शकों को कुछ अलग दिखाने की कोशिश करने वाली फिल्मों को वर्गीकृत नहीं करना चाहिए। मैं इसे एक फिल्म की तरह देखने और इसे कोई लेबल न देने की सलाह दूंगा।'
उन्होंने कहा, 'प्रत्येक फिल्म व्यावसायिक फिल्म होती है। मेरी फिल्में कम बजट में बनी हैं, लेकिन उस कम पैसे की भरपाई के लिए भी जरूरी है कि दर्शक सिनेमाघरों में जाएं और फिल्म देखें, ताकि यह मुनाफा कमाए।'
मनोज बाजपेयी और राजकुमार राव की मुख्य भूमिका वाली 'अलीगढ़' डॉक्टर श्रीनिवास रामचंद्र सिरस की जिंदगी की सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म एक विवादित मुद्दे को उठाती है। हंसल का कहना है कि एक दुरुस्त चर्चा अनिवार्य है।
फिल्म 'अलीगढ़' इस शुक्रवार को रिलीज हो रही है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने कहा, 'प्रत्येक फिल्म व्यावसायिक फिल्म होती है। मेरी फिल्में कम बजट में बनी हैं, लेकिन उस कम पैसे की भरपाई के लिए भी जरूरी है कि दर्शक सिनेमाघरों में जाएं और फिल्म देखें, ताकि यह मुनाफा कमाए।'
मनोज बाजपेयी और राजकुमार राव की मुख्य भूमिका वाली 'अलीगढ़' डॉक्टर श्रीनिवास रामचंद्र सिरस की जिंदगी की सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म एक विवादित मुद्दे को उठाती है। हंसल का कहना है कि एक दुरुस्त चर्चा अनिवार्य है।
फिल्म 'अलीगढ़' इस शुक्रवार को रिलीज हो रही है।
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