विज्ञापन
This Article is From Sep 24, 2014

बहुत सोच-विचारकर फिल्में नहीं करती : तब्बू

बहुत सोच-विचारकर फिल्में नहीं करती : तब्बू
मुंबई:

इन दिनों फिल्म 'हैदर' के प्रमोशन के लिए अभिनेत्री तब्बू थोड़ा बहुत बाहर निकल रही हैं। उनसे तभी हमारी मुलाकात हुई। तब जाकर हमें पता चला कि जो हम समझते हैं कि तब्बू काफी संभलकर किरदार चुनती हैं, काफी देखभाल के फिल्में साइन करती हैं, जो सही नहीं हैं। हम सबने अपने मन में ऐसा धारणा बना ली है। वह बहुत सोचकर फिल्में नहीं करतीं। वह तो ज्यादा पैसे मिलने पर भी फिल्म कर लेती हैं।

आपकी फिल्म 'हैदर' रिलीज होने जा रही है। फिल्म में क्या है?
'हैदर' की परिभाषा देना मुश्किल है, क्योंकि मेरे हिसाब से इसकी कहानी कई चीजों के बारे में बताती है। सबसे पहले बता दूं कि हैदर आधारित है, शेक्सपियर की कहानी 'हैमलेट' पर। फिल्म में एक खानदान, उसके रिश्ते, उनकी तकलीफ और राजनीति है। 'हैमलेट' हमने पढ़ी नहीं, मगर 'हैदर' के जरिये पता चला कि हर किरदार की जिंदगी काफी जद्दोजहद और मुश्किलों से गुजर रही है।

और आपका किरदार?
मेरे किरदार का नाम गजाला है, जो अपने परिवार को नुकसान और खतरे से बचा रही है। गजाला कश्मीर के माहौल में अपने पति और बेटे के लिए जूझ रही है। गजाला के लिए परिवार की सुरक्षा सबसे ऊपर है।

विशाल भारद्वाज अक्सर डार्क और गंभीर फिल्में ही बनाते हैं?
उनकी सोच ऐसी है। वह रिश्तों के अलग पहलू दिखाते हैं। उनके किरदार या रिश्ते सीधे या सरल नहीं होते। उनकी कहानी भी सीधी- सादी नहीं होती। 'हैदर' में भी उन्हीं किरदारों का मिश्रण है। परदे पर कहानी उतारने का भी उनका अपना तरीका है।

आपके फिल्मी सफर में ढेरों किरदार आपकी पहचान बने। कई लाजवाब भूमिकाएं निभाईं, जिनमें से एक निर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्म 'मकबूल' है। क्या विशाल की फिल्म करते समय कहानी और किरदार के बारे में पूछती हैं या विशाल का ऑफर मिलते ही हां बोल देती हैं?
मुझे विशाल की कहानी और किरदार सुनने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं जानती हूं कि वह अच्छी फिल्में बनाते हैं और मुझे जो भी किरदार वह देंगे वह अच्छा ही होगा। मुझे उन पर पूरा भरोसा है कि जो कुछ भी विशाल मेरे लिए लेकर आएंगे, वह अच्छा होगा। विशाल ने मुझे फिल्म 'मकबूल' में जो किरदार दिया, वह मेरी जिंदगी और करियर के बेहतरीन किरदारों में से एक है।

आप फिल्मों में कम दिखती हैं। चुनिन्दा फिल्में करती हैं। फिल्में साइन करते वक्त क्या देखती हैं, कहानी, अपनी भूमिका या फ़िल्मकार?
मैंने कभी सोचा नहीं, कैसी फिल्म करनी है। मैंने फिल्मों में कभी फर्क करने पर यकीन नहीं किया। मुझे हर फिल्म, फिल्म ही लगती है। मुझे फिल्म से जो कुछ चाहिए, अगर मिलता है तो कर लेती हूं। ये नहीं सोचती की किस टाइप की फिल्म है। उस वक्त जो मेरी जरूरत होती है और मैं उम्र के जिस पड़ाव से गुजर रही हूं, उसके अनुसार अगर कोई फिल्म और भूमिका मिलती है तो उसे स्वीकार कर लेती हूं और हमेशा ऐसे ही करती रही हूं।

मगर कहीं ऐसा तो नहीं कि जिस तरह आपकी इमेज बनी है, सबसे बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक की या जिस तरह की बेहतरीन फिल्में आपने की हैं, इस वजह से निर्माता-निर्देशक आपके पास आने से झिझकते हैं और यह सोचते हैं कि तब्बू के पास जाने के लिए उनके पास अच्छी कहानी और आपके लिए मजबूत भूमिका होनी ज़रूरी है?

लोगों को शायद ऐसा लगता होगा, लेकिन मैंने अपने दिमाग में ऐसी चीजों को नहीं बिठाया है। मैं अगर कहूंगी तो शायद लोग विश्वास न करें, लेकिन बता दूं कि कभी ज्यादा पैसे मिलते हैं तो उसके लिए भी मैं फिल्म कर लेती हूं। मैं इमेज सोचकर कुछ नहीं करती। लोगों के दिमाग में शायद यह इमेज होगी, मगर हम तो ऑफर में से बेहतर चुन लेते हैं।

आपने 'विजय पथ' जैसी ढेरों मसाला फिल्में कीं। कई चुलबुली भूमिकाएं निभाईं, मगर यह सीरियस इमेज कैसे बन गई? लोगों को लगता है कि तब्बू बेहद सीरियस किस्म की लड़की है।

एक्टर और किरदार का एक होना जरूरी नहीं है। हम अलग-अलग तरह की भूमिकाएं करते हैं, मगर अंत में मैं तब्बू ही हूं। शायद मेरा 'मकबूल' या 'माचिस' का किरदार सबके दिमाग में कुछ ज्यादा ही घर कर गया। इसलिए सीरियस रोल्स आने लगे। 'विजय पथ' की वजह से मैं तब्बू बनी। अगर 'विजय पथ' नहीं होती तो शायद उसके आगे कोई और फिल्म भी नहीं होती। मगर मुझे लगता है कि 'माचिस' और 'मकबूल' से जुड़ने के बाद मेरी ऐसी इमेज बन गई, लेकिन मैं ऐसी बिलकुल भी नहीं हूं। यह जरूरी नहीं कि परदे पर दिखने वाला किरदार परदे के बाहर भी वैसा ही हो। मैं हंसती हूं तो लोगों को यकीन नहीं होता कि मैं हंस रही हूं।

आप बहुत ज्यादा फिल्में नहीं करतीं। बहुत ज्यादा पार्टीज या इवेंट में भी नहीं दिखतीं। तो आखिर आपकी दिनचर्या किस तरह की होती है?

मैं निजी जीवन के बारे में ज्यादा बातें नहीं करती। बस इतना जान लीजिए कि एक आम लड़की तरह मेरा भी जीवन चल रहा है और दिन गुजरता है।

'हैदर' के बाद कोई और नई फिल्म?
एक फिल्म कर रही हूं, जिसका नाम अभी तक रखा नहीं गया है। थ्रिलर फिल्म है। करीब 14 सालों बाद मनोज बाजपेयी के साथ काम कर रही हूं। उस फिल्म को लेकर भी काफी उत्साहित हूं। वह फिल्म भी मेरी इमेज के तरह की ही फिल्म है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com