अभिनेता संजय दत्त की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
अभिनेता संजय दत्त भले ही जेल से बाहर आ गए हों, लेकिन उनका कहना है कि अभी आजाद होने का अहसास उनके भीतर पूरी तरह पैदा नहीं हुआ। पुणे की यरवदा जेल से 42 महीने की सजा काटकर बाहर आए 56 वर्षीय अभिनेता को 1993 के मुंबई बम धमाकों से जुड़े ममले में दोषी ठहराया गया था। वह 25 फरवरी को जेल से बाहर निकले।
संजय ने कहा, 'मैं एकांतवास में था। मुझे आजाद महसूस होने में थोड़ा लंबा समय लगेगा। आजादी की भावना अभी आनी बाकी है। मैं 23 वर्षों तक जेल के अंदर और बाहर रहा हूं। कई सारी बाधाएं थी, अनुमति लेनी पड़ती थी। मैं एक आजाद इंसान जैसे जीने की आदत डाल रहा हूं।'
इस बॉलीवुड अभिनेता ने इंडिया टुडे कांक्लेव में कहा कि जेल में रहने के दौरान उनकी कोई खास देखभाल नहीं हुई और उनको वही खाना और कपड़े मिलते थे, जो दूसरे कैदियों को मिलते थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता सुनील दत्त को उनमें भरोसा था और निधन से पहले सुनील दत्त ने कहा था कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
संजय ने कहा, 'मैं एकांतवास में था। मुझे आजाद महसूस होने में थोड़ा लंबा समय लगेगा। आजादी की भावना अभी आनी बाकी है। मैं 23 वर्षों तक जेल के अंदर और बाहर रहा हूं। कई सारी बाधाएं थी, अनुमति लेनी पड़ती थी। मैं एक आजाद इंसान जैसे जीने की आदत डाल रहा हूं।'
इस बॉलीवुड अभिनेता ने इंडिया टुडे कांक्लेव में कहा कि जेल में रहने के दौरान उनकी कोई खास देखभाल नहीं हुई और उनको वही खाना और कपड़े मिलते थे, जो दूसरे कैदियों को मिलते थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता सुनील दत्त को उनमें भरोसा था और निधन से पहले सुनील दत्त ने कहा था कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।
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