प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि हमेशा कलाकारों को निशाना बनाया जाना सही नहीं है.
न्यूयॉर्क:
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का कहना है कि वह अपने देश से बहुत प्यार करती हैं लेकिन हर मुद्दे के लिए कलाकारों को दोषी ठहराना गलत है. उन्होंने कहा, 'किसी ने कहा है कि एक कलाकार का धर्म उसकी कला है और आप दो देशों के बीच चल रहे तनाव के लिए कलाकारों को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते.'
न्यूयॉर्क में NDTV की बरखा दत्त से खास बातचीत में प्रियंका ने कहा कि पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन तो मुद्दा ही नहीं है. असल मुद्दा तो सीमा पर तैनात जवानों, उनके परिवार और देश की सुरक्षा है. प्रियंका खुद एक आर्मी ऑफिसर की बेटी हैं, उन्होंने कहा कि देश के हित में लिये गए सरकार के हर फैसले का समर्थन करती हैं. लेकिन उन्होंने सवाल भी उठाया कि हर बार सिर्फ कलाकारों को निशाना क्यों बनाया जाता है?
उन्होंने कहा, 'यह काफी पेचीदा है क्योंकि देश में होने वाली किसी भी राजनीतिक समस्या के लिए हर बार कलाकारों और अभिनेताओं को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है. पर सिर्फ हमें क्यों, बिज़नेसमैन, डॉक्टर, राजनेताओं को क्यों नहीं?'
प्रियंका ने कहा, 'मैं एक देशभक्त हूं, इसलिए देश को सुरक्षित रखने के लिए सरकार का जो भी फैसला होगा मैं उसके साथ रहूंगी. लेकिन मुझे नहीं लगता कि कभी भी किसी भी कलाकार ने कुछ ऐसा किया है जिससे किसी को कोई नुकसान पहुंचा हो. जब भी ऐसा कुछ होता है तो कलाकार ही सूली पर चढ़ाए जाते हैं और मेरे हिसाब से यह सही नहीं है.'
वह कहती हैं, 'उरी में जो भी हुआ उससे मैं दुखी हूं और हमें अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए खड़ा होना होगा. हम गांधी के देश से हैं, हज़ारों सालों से हम शांति का रास्ता अपनाकर चल रहे हैं, हम उनमें से नहीं हैं जो दूसरों पर हमला करते हैं और युद्ध को आमंत्रित करते हैं. भारत में कई तरह के लोग रहते हैं, सबकी सोच अलग है, धर्म अलग हैं, उनकी परवरिश अलग-अलग तरीके से हुई है. इसलिए इस देश को चलाना एक मुश्किल काम है. लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'सीमा पर तैनात जवानों और उनके परिवारों की चिंता यह नहीं है कि भारत में कौन आ रहा है, कौन किस फिल्म में काम कर रहा है और जा रहा है. उनकी चिंता है कि कैसे देश को, बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके. लेकिन हम मुद्दे से भटक रहे हैं.'
न्यूयॉर्क में NDTV की बरखा दत्त से खास बातचीत में प्रियंका ने कहा कि पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन तो मुद्दा ही नहीं है. असल मुद्दा तो सीमा पर तैनात जवानों, उनके परिवार और देश की सुरक्षा है. प्रियंका खुद एक आर्मी ऑफिसर की बेटी हैं, उन्होंने कहा कि देश के हित में लिये गए सरकार के हर फैसले का समर्थन करती हैं. लेकिन उन्होंने सवाल भी उठाया कि हर बार सिर्फ कलाकारों को निशाना क्यों बनाया जाता है?
उन्होंने कहा, 'यह काफी पेचीदा है क्योंकि देश में होने वाली किसी भी राजनीतिक समस्या के लिए हर बार कलाकारों और अभिनेताओं को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है. पर सिर्फ हमें क्यों, बिज़नेसमैन, डॉक्टर, राजनेताओं को क्यों नहीं?'
प्रियंका ने कहा, 'मैं एक देशभक्त हूं, इसलिए देश को सुरक्षित रखने के लिए सरकार का जो भी फैसला होगा मैं उसके साथ रहूंगी. लेकिन मुझे नहीं लगता कि कभी भी किसी भी कलाकार ने कुछ ऐसा किया है जिससे किसी को कोई नुकसान पहुंचा हो. जब भी ऐसा कुछ होता है तो कलाकार ही सूली पर चढ़ाए जाते हैं और मेरे हिसाब से यह सही नहीं है.'
वह कहती हैं, 'उरी में जो भी हुआ उससे मैं दुखी हूं और हमें अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए खड़ा होना होगा. हम गांधी के देश से हैं, हज़ारों सालों से हम शांति का रास्ता अपनाकर चल रहे हैं, हम उनमें से नहीं हैं जो दूसरों पर हमला करते हैं और युद्ध को आमंत्रित करते हैं. भारत में कई तरह के लोग रहते हैं, सबकी सोच अलग है, धर्म अलग हैं, उनकी परवरिश अलग-अलग तरीके से हुई है. इसलिए इस देश को चलाना एक मुश्किल काम है. लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'सीमा पर तैनात जवानों और उनके परिवारों की चिंता यह नहीं है कि भारत में कौन आ रहा है, कौन किस फिल्म में काम कर रहा है और जा रहा है. उनकी चिंता है कि कैसे देश को, बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके. लेकिन हम मुद्दे से भटक रहे हैं.'
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