उत्तर प्रदेश में बाढ़ की वजह से अब तक 28 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें अकेले बहराइच में 14 लोग मारे गए हैं। नेपाल में मूसलाधार बारिश के चलते नदियों से छोड़े गए पानी के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। करीब 1500 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। प्रभावित जिलों में बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, लखीमपुर, बाराबंकी, फैजाबाद और सिद्धार्थनगर में बड़े पैमाने पर असर देखा जा रहा हैं।
बाढ़ की वजह से बहराइच के 400 स्कूल बंद कर दिए गए हैं। कतरनिया घाट और दुधवा के जंगलों में बाढ़ का पानी आने से जानवरों पर भी बाढ़ का असर पड़ा है। हालात से निपटने के लिए नेशनल डिज़ास्टर रिलीफ फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम वहां पहले से ही मौजूद है। एसएसबी और पीएसी के जवानों को राहत और बचाव कार्य के लिए भेजा गया है।
केंद्र सरकार ने खतरे के निशान से ऊपर बह रही राप्ती नदी में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है। जल संसाधन मंत्रालय के मुताबिक, राप्ती में पानी का स्तर साल 2000 के बाद सबसे ज्यादा है। शारदा, घाघरा, सरयू और गिरजा नदी में भी पानी का स्तर काफी बढ़ गया है।
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