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This Article is From May 04, 2012

ज़िन्दगी से प्यार सिखाती है 'फैटसो'

मुंबई: 'फैटसो' नाम अंग्रेज़ी में है पर ज्यादातर फिल्म हिन्दी में बनी है। नंदिनी यानी गुल पनाग और नवीन यानी पूरब कोहली दिल जान से प्यार में हैं लेकिन दोनों की शादी से पहले एक एक्सीडेंट में नवीन की जान चली जाती है।

ऊपर जाकर नवीन को अहसास होता है कि गलती से मौत के डिपार्टमेंट ने उसके प्राण हर लिए जबकि मरना था उसके मोटे वजनी दोस्त सुदीप को। यह रोल रणवीर शौरी ने किया है।  

'फैटसो' शुरुआत में प्रभावित नहीं करती। शराब और खुले संबंधों में डूबे नौजवानों की मौजमस्ती। ये तब भी असर नहीं छोड़ती जब सरकारी दफ्तर की शक्ल वाले मृत्युलोक में पूरब कोहली अपनी जान वापस करने की अर्जी देते हैं लेकिन फिल्म तब रंग पकड़ने लगती है जब डेथ डिपार्टमेंट मोटे दोस्त सुदीप को मारकर उसके शरीर में नवीन की आत्मा प्रवेश कराता है और नवीन अपने दोस्त यश से खुद की प्रेमिका को बचाने की कोशिश में जुट जाता है।

सुदीप के शरीर में फंसे नवीन की कश्मकश देखने लायक है। ऐसे में बाप-बेटे और प्रेमी- प्रेमिका के बीच कुछ बेहतरीन इमोशनल सीन्स सामने आते हैं। दो बेस्ट सीन्स हैं। पहला जब नवीन खुदकुशी करने पर अमादा दोस्त को जिंदगी की कीमत समझाता है क्योंकि वह मौत के बाद की बदतर जिंदगी जीकर लौट चुका है और दूसरा वह सीन जब वह चिल्ला-चिल्ला कर बताता है कि उसे इस दुनिया की हर अच्छी-बुरी चीज से कितना प्यार है। कहा जा सकता है कि यह रणवीर शौरी का सबसे बेहतरीन रोल है।

'फैटसो' जरूर देखिए। डायरेक्टर रजत कपूर की यह फिल्म आपको जिंदगी की कदर करना सिखा देगी। इस फिल्म के लिए रेटिंग है 3.5 स्टार।

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