कभी डरती थीं, अब दीपिका पादुकोण के दिल से कैमरे का डर निकल गया

कभी डरती थीं, अब दीपिका पादुकोण के दिल से कैमरे का डर निकल गया

दीपिका पादुकोण (फाइल फोटो)

इंसान अपनी ज़िन्दगी में हर रोज़ कुछ न कुछ सीखता है। कभी दूसरों को देख कर तो कभी खुद की गलतियों नई नई सीख और सबक मिलता है। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने भी ऐसा ही किया है। पिछले करीब 8 सालों से अभिनय करते करते काफ़ी कुछ सीखा है और अपने दिल और दिमाग़ से कैमरे का डर निकाल दिया है।

आज की तारीख ने दीपिका बॉलीवुड की सबसे कामयाब अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह एक से बढ़कर एक फिल्में कर रही हैं और बॉक्स ऑफिस सफ़लता के साथ साथ समीक्षकों की सराहना भी हासिल कर रही हैं मगर इसके लिए दीपिका ने काफ़ी मेहनत की है और लोगों से सीखा है तब जाकर वे कहती हैं कि कैमरे का डर उनके दिमाग़ से निकला है।

दीपिका पादुकोण ने कहा, पहले जब मैं कैमरे के सामने आती थी तब डर लगता था। जल्दी से जल्दी अपना संवाद या डॉयलॉग बोलकर ख़त्म कर देती थी। अपने डॉयलॉग को रट्टा मार कर याद करती थी और चाहती थी कि जल्द से जल्द इसे बोलकर मैं अपना सीन पूरा कर दूं। मगर इन सालों में मैंने काफ़ी कुछ सीखा। मेहनत की और लोगों को देखा और उनसे सीखा। अब कैमरे से डर नहीं लगता बल्कि मज़ा आता है। अब कैमरे के सामने ज़्यादा समय गुज़ारती हूं और बेहतर से बेहतर सीन करने की कोशिश करती हूं।

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ये हकीकत है कि इंसान कभी भी संपूर्ण नहीं होता और कोई न कोई कमी हमेशा रहती है और जो कोई उन कमियों से सीखे वो आगे बढ़ता रहता है। दीपिका की यही कोशिश है तभी वो सीखते हुए आगे बढ़ रही हैं और सफ़लता उनके क़दम चूम रही है।