अभिनेता हरमन बावेजा पांच वर्षों के अंतराल के बाद फिल्म 'ढिश्कियाऊं' से दोबारा अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए हाजिर हैं। गलत फिल्म चुनने के बारे में खुलकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इंसान को आलोचना को सकारात्मक लेना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।
हरमन ने अपनी पहली फिल्म 'लव स्टोरी 2050' के बाद 'वाट्स योर राशि?' और 'विक्ट्री' नामक दो फिल्में दी। दोनों ही फिल्में 2009 में रिलीज हुईं और उनका करियर डूब गया।
फिल्मकार हैरी बावेजा के बेटे हरमन ने एक समूह साक्षात्कार में कहा, आपको स्वयं को फिर से गढ़ना होगा। इस देश में लोग सिर्फ आपके काम की नहीं, बल्कि आपकी भी आलोचना करते हैं, इसलिए यह बहुत व्यक्तिगत हो जाती है और आपको इसे सही तरीके से लेना होगा।
यहां पेश है साक्षात्कार का कुछ अंश :
-फिल्मों में वापसी करने में इतना समय क्यों लिया?
मेरी पिछली फिल्में नहीं चलीं, इसलिए मैंने सोचा चलो एक ब्रेक ले लूं और सोचा कि क्या किया जा सकता है।
-असफलता का सामना कैसे किया?
हर इंसान जिंदगी में ऐसी चीजों का सामना करता है। मैं इससे आंख नहीं चुरा रहा हूं। यह जीने मरने का सवाल नहीं है। अभिनय मेरा जुनून है और मैं इसे जारी रखूंगा। इसलिए नाकामयाबी स्वीकारना बेहतर है।
-आपकी तुलना ऋतिक रोशन से हुई थी। क्या इसने आपको प्रभावित किया?
यकीनन इसने मुझे प्रभावित किया। यह वक्त-वक्त की बात है..मुझे काम करते रहना है।
-हमें 'ढिकिश्याऊं' के बारे में बताएं।
यह एक मनोरंजक फिल्म है। इसमें बहुत उतार-चढ़ाव हैं। फिल्म में मारधाड़, ड्रामा और सबकुछ है। मैं इसमें एक गैंगस्टर की भूमिका निभा रहा हूं।
-आपको लगता है फिल्म में सनी देयोल की मौजूदगी आपकी उपस्थिति को फीका करेगी?
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फिल्म चलनी चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर फिल्म में एक चौकीदार है और उसी भूमिका महज दो मिनट की है तो भी फिल्म की सफलता से उसके करियर की निकल पड़ेगी।
28 मार्च को प्रदर्शित हो रही 'ढिश्कियाऊं' शिल्पा शेट्टी के प्रोडेक्शन हाउस की पहली फिल्म है।
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