ऐश्वर्या राय (फाइल फोटो)
बॉलीवुड में अभिनेता हो या अभिनेत्री या फिर कोई फ़िल्मकार, उन्हें किसी न किसी श्रेणी में बांट दिया जाता है। किसी को गंभीर अभिनय करने वाला कलाकार तो किसी को कमीडियन का दर्जा दे दिया जाता है। निर्देशकों के साथ भी ऐसा ही होता है। यहां तक कि फिल्मों को भी जॉनर में बांटा जाता है मगर ऐश्वर्या रॉय किसी भी अभिनेता, अभिनेत्री या फ़िल्मकार को किसी भी श्रेणी में बांटने पर विश्वास नहीं करती।
ऐश्वर्या ने फ़िल्म 'जज़्बा' के प्रचार के दौरान कहा कि मैं किसी को भी किसी श्रेणी में बांटना पसंद नहीं करनी। एक कलाकार हर तरह की भूमिका निभाना चाहता है और ज़्यादातर कलाकार वो करते हैं मौका मिलने पर। मैं भी हर तरह की भूमिका निभाना चाहती हूं।
ऐश्वर्या ने यह भी कहा, 'फिल्मों को भी कमर्शल और पैरेलल सिनेमा में बांट दिया जाता है जो मुझे समझ नहीं आता है। मुझे लगता है, जो फ़िल्म पैसा कमा लेती है वो कमर्शल सिनेमा होती है।'
करीब 5 सालों तक परदे से दूर रही ऐश्वर्या फ़िल्म 'जज़्बा' से वापस आ रही हैं जिसके निर्देशक संजय गुप्ता हैं। वही संजय गुप्ता जो अलग किस्म की फिल्मों के लिए जाने जाते हैं और इनके साथ काम करके ऐश्वर्या ने भी यह मान लिया कि वाकई संजय गुप्ता का फ़िल्म बनाने अंदाज़ अलग है।
ऐश्वर्या ने फ़िल्म 'जज़्बा' के प्रचार के दौरान कहा कि मैं किसी को भी किसी श्रेणी में बांटना पसंद नहीं करनी। एक कलाकार हर तरह की भूमिका निभाना चाहता है और ज़्यादातर कलाकार वो करते हैं मौका मिलने पर। मैं भी हर तरह की भूमिका निभाना चाहती हूं।
ऐश्वर्या ने यह भी कहा, 'फिल्मों को भी कमर्शल और पैरेलल सिनेमा में बांट दिया जाता है जो मुझे समझ नहीं आता है। मुझे लगता है, जो फ़िल्म पैसा कमा लेती है वो कमर्शल सिनेमा होती है।'
करीब 5 सालों तक परदे से दूर रही ऐश्वर्या फ़िल्म 'जज़्बा' से वापस आ रही हैं जिसके निर्देशक संजय गुप्ता हैं। वही संजय गुप्ता जो अलग किस्म की फिल्मों के लिए जाने जाते हैं और इनके साथ काम करके ऐश्वर्या ने भी यह मान लिया कि वाकई संजय गुप्ता का फ़िल्म बनाने अंदाज़ अलग है।
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