हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा सवाल है कि राज्य में मुख्यमंत्री कौन बनेगा? हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं. कांग्रेस के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू, विधानसभा में विपक्ष का नेता रहे मुकेश अग्निहोत्री और विधानसभा में विपक्ष के उपनेता रहे हर्षवर्धन चौहान में से किसी एक को चुनने की चर्चा है.
- हिमाचल कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज दोपहर 3 बजे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा. बैठक में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला, पर्यवेक्षक भूपेश बघेल और भूपेंद्र हुड्डा भी मौजूद रहेंगे.
- बैठक में विधायकों द्वारा एक प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए अंतिम निर्णय पार्टी के आलाकमान को अधिकृत करने की संभावना है.
- कांग्रेस ने पहाड़ी राज्य में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी. कांग्रेस पहले चंडीगढ़ में अपने विधायकों की बैठक की योजना बना रही थी, लेकिन स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद बाद में अपनी योजनाओं को बदल दिया.
- गुरुवार को राजीव शुक्ला ने कहा था कि पार्टी प्रमुख तय करेंगे कि हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा. हिमाचल प्रदेश में चुनाव परिणामों पर एएनआई से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख मुख्यमंत्री पद पर निर्णय लेंगे. इस बीच, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भाजपा द्वारा "विधायकों की खरीद" के प्रयासों की आशंका जताई.
- गुरुवार को घोषित परिणामों में हिमाचल प्रदेश में पांच साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है. 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर 40 सीटें जीतीं. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जहां 40 सीटें जीतीं. भाजपा ने 25 सीटों पर जीत हासिल की. निर्दलीयों ने तीन सीटें जीतीं. वहीं आम आदमी पार्टी राज्य में अपना खाता खोलने में विफल रही.
- हिमाचल में वोट शेयर के मामले में, कांग्रेस अपने प्रतिद्वंद्वी के 42.99 प्रतिशत की तुलना में 43.88 प्रतिशत वोट पाकर भाजपा से मामूली रूप से आगे है. अन्य को पहाड़ी राज्य में 10.4 फीसदी वोट मिले. हिमाचल प्रदेश में बारी-बारी से सरकारों की लंबी परंपरा रही है और कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर पर सवार थी.
- हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने चुनावों में पार्टी की हार के बाद इस्तीफा दे दिया है. शिमला में मीडियाकर्मियों से ठाकुर ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व को पिछले पांच वर्षों के दौरान उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. हम राजनीति के बावजूद राज्य के विकास के लिए खड़े रहेंगे. हम अपनी कमियों का विश्लेषण करेंगे और अगले कार्यकाल के दौरान सुधार करेंगे."
- हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा, "कांग्रेस अपने घोषणा-पत्र के अनुसार राज्य में 10 गारंटी लागू करेगी. यह राज्य के लोगों की जीत है. लोगों ने बदलाव के लिए और बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ मतदान किया. हम एकजुट होंगे और हमारी पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं होगी. हमने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और हमारे अगले कदम के बारे में चर्चा की."
- हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने पार्टी को जनादेश दिया है और डरने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, "हम हमारे विधायकों से चंडीगढ़ या राज्य में कहीं भी मिल सकते हैं. जो जीते हैं, वे हमारे साथ रहेंगे और हम सरकार बनाएंगे."
- प्रतिभा सिंह ने कहा, "यह मेरे लिए बहुत ही भावुक क्षण है, क्योंकि मैं लोगों से उसी तरह का समर्थन देख सकती हूं, जैसा दिवंगत वीरभद्र सिंह को मिला था. चंडीगढ़ विधायकों के लिए आसानी से मिलने वाला स्थान है और हम खरीद-फरोख्त को लेकर चिंतित नहीं हैं."