प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) लिमिटेड ने 16,000 करोड़ रुपये के शेयर पुनखर्रीद (बायबैक) कार्यक्रम की सोमवार को घोषणा की. यह भारतीय पूंजी बाजार में अब तक का सबसे बड़ा शेयर पुनखर्रीद कार्यक्रम है. यह फैसला ऐसे समय किया गया है, जब देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता कंपनी के सामने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संरक्षणवादी घोषणाओं के चलते वहां के ग्राहकों से आय कम होने का जोखिम बढ़ा है.
- कंपनी अपने पास पड़े भारी अधिशेष धन को अपने शेयरधारकों को लौटाना चाहती है इसीलिए उसने शेयर वापस खरीदने का फैसला किया है.
- टीसीएस के पास 43,169 करोड़ रुपये की नकदी है जो कंपनी के बाजार पूंजीकरण का करीब 10 प्रतिशत है.
- टीसीएस ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने 5.61 करोड़ शेयर या शेयर पूंजी का 2.85 प्रतिशत 2,850 रुपये के भाव पर पुनखर्रीद की मंजूरी दी है.
- बायबैक से प्रति शेयर कमाई में सुधार होता है और अधिशेष नकदी शेयरधारकों को लौटाई जाती है. साथ ही यह कदम बाजार में नरमी के दौरान शेयर कीमत को मदद करता है.
- बायबैक से कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी बढ़ती है और अधिग्रहण का खतरा कम होता है
- अगर बायबैक सफल होता है, तो यह अबतक का ऐसा सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा. इससे पहले, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2012 में 10,400 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर की पुनखर्रीद की थी.
- भारत के सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की सालाना कमाई 155 अरब डॉलर है. इसमें 65 प्रतिशत योगदान अमेरिकी बाजार से कमाई का है.
- बायबैक से पहले 17 फरवरी 2017 शेयरधारकों के स्वामित्व का स्वरूप देखने पर पता चलता है कि टाटा समूह के पास टीसीएस के करीब 73.31 फीसदी शेयर हैं.
- बायबैक की घोषणा के बाद सोमवार को टीसीएस का शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 4.08 फीसदी या 98.35 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 2506.50 रुपये पर बंद हुआ
- इस महीने की शुरुआत में कोग्नीजेंट टेक्नोलॉजी सोल्यूशंस ने 3.4 अरब डॉलर मूल्य के शेयर की पुनखर्रीद की घोषणा की थी.