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सिख दंगा मामले में दोषी सज्जन कुमार सलाखों के पीछे, जानें कैसे बने थे कांग्रेस नेता, 10 बातें

अदालत ने कहा था कि यह मानवता के खिलाफ उन लोगों द्वारा किया गया अपराध था जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था और जिनकी कानून लागू करने वाली एजेन्सियां मदद कर रही थीं.

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73 साल के सज्जन कुमार को आज उम्रकैद की सजा सुनाई गई है
नई दिल्ली:

सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में उम्र कैद की सजा पाने वाले कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार आज अदालत में समर्पण कर दिया है.दिल्ली हाईकोर्ट ने समय सीमा बढ़ाने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया था. सज्जन कुमार के वकील अनिल कुमार शर्मा ने पीटीआई भाषा से कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में दायर अपील पर शीतकालीन अवकाश के दौरान 31 दिसंबर से पहले सुनवाई की संभावना नहीं है. सुप्रीम कोर्ट एक जनवरी तक बंद है और दो जनवरी से वहां सामान्य कामकाज शुरू होगा. उन्होंने कहा, 'हम हाईकोर्ट के फैसले का अनुपालन करेंगे.' आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने 1984 के दंगों से संबंधित एक मामले में 17 दिसंबर को 73 वर्षीय पूर्व सांसद सज्जन कुमार को शेष सामान्य जीवन के लिये उम्र कैद और पांच अन्य दोषियों को अलग अलग अवधि की सजा सुनायी थी और उन्हें 31 दिसंबर तक समर्पण करने का आदेश दिया था. अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि 1984 के दंगों में दिल्ली में 2700 से अधिक सिख मारे गये थे जो निश्चित ही 'अकल्पनीय पैमाने का नरसंहार' था. अदालत ने कहा था कि यह मानवता के खिलाफ उन लोगों द्वारा किया गया अपराध था जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था और जिनकी कानून लागू करने वाली एजेन्सियां मदद कर रही थीं.

10 बड़ी बातें

  1. 23 सितंबर 1945 को दिल्ली में जन्मे सज्जन कुमार के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक शुरुआती दिनों में परिवार के भरण-पोषण के लिए सज्जन कुमार को चाय बेचनी पड़ी.
  2. 70 का दशक आते-आते सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) की राजनीति में दिलचस्पी बढ़ी और उन्होंने पहली बार दिल्ली में नगरपालिका का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसी दौरान सज्जन कुमार संजय गांधी की नजरों में आए. 
  3. इसके बाद वे धीरे-धीरे संजय गांधी के करीब आते गए. युवा सज्जन कुमार ने 1980 में पहली बार दिल्ली से ही लोकसभा का चुनाव लड़ा और बड़ा उलटफेर कर सबको चौंका दिया. उन्होंने दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री रहे ब्रम्हा प्रकाश को चुनावों में पटखनी दे दी. 
  4. लोकसभा चुनाव में जीत के बाद सज्जन कुमार (Sajjan Kumar)  का कद संजय गांधी की नजरों में और बढ़ गया. संजय गांधी ने जब अपना 'पांच सूत्रीय' कार्यक्रम शुरू किया तो इसको धरातल पर लाने की जिम्मेदारी जिनको मिली, उनमें सज्जन कुमार भी शामिल थे. 
  5. 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की उनके सिख बॉडी गार्ड्स द्वारा हत्या के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में सिख विरोधी दंगा शुरू हो गया. इस दंगे में सैकड़ों सिख मारे गए. 
  6. 1984 के सिख विरोधी दंगों  में भीड़ को उकसाने में जिन लोगों का नाम सामने आया, उनमें सज्जन कुमार भी एक थे. दिल्ली कैंट इलाके में पांच सिखों केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुविंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) पर भीड़ को उकसाने के आरोप लगे. 
  7. सज्जन कुमार पर डकैती और सिखों  के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने के भी आरोप लगे. वर्ष 2005 में सीबीआई ने सज्जन कुमार के खिलाफ दो चार्जशीट दायर की. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि दंगों में सज्जन कुमार और पुलिस के बीच के संबंध 'खतरनाक' थे. 
  8. हालांकि अप्रैल 2013 में निचली अदालत ने सज्जन कुमार (Sajjan Kumar)  को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. जिसके बाद सिख संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया. फिर सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी. 
  9. 27 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है. सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. 
  10. आपको बता दें कि सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) ने 1991 का चुनाव भी लड़ा और बीजेपी के साहब सिंह वर्मा को शिकस्त देते हुए बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी. हालांकि इसके बाद उन्हें 2004 तक इंतजार करना पड़ा. 2004 में फिर जीत दर्ज की, लेकिन 2009 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था. 

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