'एक के बाद एक झूठ' : छात्र खुदकुशी मामले पर केजरीवाल का स्मृति ईरानी पर हमला

'एक के बाद एक झूठ' : छात्र खुदकुशी मामले पर केजरीवाल का स्मृति ईरानी पर हमला

हैदराबाद युनिवर्सिटी में अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: हैदराबाद में दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी मामले के बाद अरविंद केजरीवाल ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की। अपनी बात रखते हुए केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री दत्तात्रेय और स्मृति ईरानी पर निशाना साधा।

इस मामले से जुड़ी ख़ास बातें :

  1. हैदराबाद युनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत के दौरान केजरीवाल ने कहा की इस मामले में स्मृति ईरानी ने एक के बाद एक झूठ बोला है। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री पर यह भी आरोप लगाया है कि रोहित की जाति को लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिश की जा रही है।

  2. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह शर्मनाक है कि एक जिम्मेदार मंत्री ने तथ्य जाने बगैर अम्बेडकर छात्र संगठन को जातिवाद करार दे दिया। दत्तात्रेय ने राष्ट्र-विरोधी, जातिवादी और कट्टरपंथ यह तीन शब्दों का प्रयोग किया जो कि शर्मनाक है।

  3. केजरीवाल ने कहा कि अम्बेडकर की बात करने वाला कभी भी जातिवादी या राष्ट्र-विरोधी हो ही नहीं सकता।

  4. रोहित की बात करते हुए दिल्ली सीएम ने कहा जब रोहित जैसे बुद्धिमान छात्र को खुदकुशी करनी पड़ जाए तो यह देश और समाज के लिए शर्म की बात है। 

  5. इससे पहले अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि दलित छात्र के खुदकुशी करने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए।

  6. छात्रों की मांग है कि केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और यूनिवर्सिटी प्रशासन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

  7. उधर, एक और बात सामने आई है। रोहित समेत अंबेडकर छात्र संगठन के उसके साथी छात्रों पर एबीवीपी के छात्र नेता सुशील कुमार के साथ मारपीट के आरोप लगे थे। सुशील कुमार की मेडिकल रिपोर्ट से ये बात सामने आई है कि उसके शरीर पर डॉक्टरों को चोट के निशान नहीं मिले। पता चला है कि वह हॉस्पिटल में अपेंडिक्स के चलते भर्ती हुआ था, न कि चोटों के चलते।

  8. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी कह चुकी हैं कि राजनीतिक फायदे के लिए भावनाओं को भड़काने के इरादे से इस विषय को 'दलित बनाम गैर दलित मुद्दा' बनाकर पेश करने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास किया जा रहा है। जबकि, यह ऐसा कोई टकराव नहीं।