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कर्नाटक: पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति पर होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, फिर शाम को 4 बजे बहुमत का परीक्षण

सुनवाई आज सुबह 10.30 बजे होगी. सुनवाई स्पेशल बेंच करेगी जिसमें जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस अशोक भूषण होंगे.

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कर्नाटक में अब प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर विवाद हो गया है
नई दिल्ली:

कर्नाटक का सियासी ड्रामा दिन पर दिन और दिलचस्प होता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को शनिवार शाम 4 बजे अपना बहुमत साबित करने का आदेश दिया है. इस सब के बीच प्रोटेम स्पीकर बनाए गए बीजेपी के विधायक केजी बोपैया पर विवाद हो गया है. कांग्रेस जेडीएस का तर्क है कि वो वरिष्ठता के आधार पर खरे नहीं उतरते. कांग्रेस ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कर्नाटक में केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बनाने के खिलाफ़ कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुबह साढ़े दस बजे सुनवाई होगी. इस मुद्दे पर फौरन सुनवाई की मांग को लेकर कांग्रेस शुक्रवार की रात अदालत गई, लेकिन सुनवाई आज सुबह साढ़े दस बजे होगी. सुनवाई स्पेशल बेंच करेगी जिसमें जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस अशोक भूषण होंगे.

10 बड़ी बातें

  1. कर्नाटक में आज होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले जेडीएस के 2 विधायक गायब हो गए हैं. जेडीएस अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने उनके 2 विधायकों का अपहरण कर लिया है. कुमारस्वामी ने ये उम्मीद भी जताई है कि ये वापस उनके पास लौट आएगें.  जेडीएस के कुल 37 विधायक जीत कर आए हैं. 
  2. पूरी रात सफर कर बंगलूरू से हैदराबाद पहुंचे कांग्रेस-जेडी-एस के विधायकों को फ़ौरन उल्टे पांव कर्नाटक लौटना पड़ा है. 
  3. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हुई सुनवाई में कहा- कर्नाटक में शनिवार को ही फ्लोर टेस्ट होगा. इसके पहले राज्यपाल ने येदियुरप्पा सरकार को 15 दिन का समय दे रखा था. बीजेपी ने सोमवार तक का समय मांगा लेकिन कोर्ट ने मांग खारिज कर दी. 
  4. फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायक शपथ लेंगे. डीजीपी सुरक्षा के पूरे प्रबंध करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने गुप्त मतदान या वीडियोग्राफी की मांग नामंज़ूर कर दी.
  5. बुधवार रात सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई साढ़े-तीन घंटे चली थी लेकिन शुक्रवार को ज़्यादा लंबी नहीं चली क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ये तय कर लिया था कि वो पहले शक्ति-परीक्षण कराएगी, और बड़े संवैधानिक सवाल पर सुनवाई बाद में करेगी.  
  6. एनडीटीवी के पास येदियुरप्पा की तरफ से कर्नाटक के गवर्नर को लिखी चिट्ठी है. जिसमें सबसे बड़ी पार्टी का लीडर चुने जाने का ज़िक्र तो है लेकिन ये नहीं बताया गया है कि येद्दीयुरप्पा बहुमत के लिए ज़रूरी 112 विधायकों का समर्थन कैसे हासिल करेंगे.  
  7. सबसे बड़ी पार्टी को बहुमत साबित करने का मौका मिले या पोस्ट-पोल गंठबंधन को? अब इस सवाल पर कोर्ट में सुनवाई दस हफ्ते बाद होगी. 
  8. कोर्ट ने आदेश दिया कि बहुमत साबित होने तक येद्दुरप्पा कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते.  फ़्लोर टेस्ट से पहले ऐंग्लो-इंडियन सदस्य को मनोनीत नहीं किया जा सकता है.
  9. कर्नाटक में गवर्नर द्वारा सबसे बड़े दल को बुलाए जाने से बिहार से लेकर गोवा और मणिपुर तक में सत्ता की रेस में पिछड़ी पार्टियां अब अपने अपने दावे कर रहे हैं.
  10. गौरतलब है कि कांग्रेस मणिपुर और गोवा में सत्ता की दौड़ में ज्यादा सीटें आने के बावजूद हार गई थी. इसी तर्ज पर बिहार में भी आरजेडी नीतिश सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने राज्यपाल के पास पहुंची. 

     

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