निर्भया गैंगरेप: SC ने कहा- हमने हिमालय जैसे सब्र के साथ सुना पूरा केस, बहस की 10 बातें

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषी मुकेश के डीएनए की जांच, पीड़ित के आखिरी समय पर दिए गए बयान और बरामदगी के आधार पर उसे दोषी करार दिया गया है.

निर्भया गैंगरेप: SC ने कहा- हमने हिमालय जैसे सब्र के साथ सुना पूरा केस, बहस की 10 बातें

निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी मुकेश की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बहस पूरी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी मुकेश की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि हमने आरोपियों द्वारा दी गई सभी दलीलों को हिमालय जैसे सब्र के साथ सुना. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि पीड़ित के शरीर पर मुकेश के दांतों के निशान को अनदेखा कैसे कर सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट में बहस की 10 बातें

  1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषी मुकेश के डीएनए की जांच, पीड़ित के आखिरी समय पर दिए गए बयान और बरामदगी के आधार पर उसे दोषी करार दिया गया है. 

  2. कोर्ट में कहा कि अगर आपके अनुसार, सीआरपीसी 313 के तहत दर्ज बयान को नहीं माना जाए क्योंकि आपसे ये बयान टॉर्चर के बाद लिया गया है और आपने दबाव में ये बयान दिया था, तो ऐसे देश में कोई भी ट्रॉयल नहीं चल पाएगा.

  3. सुप्रीम कोर्ट ने दोषी विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय के लिए 10 दिनों के भीतर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को कहा है. 

  4. इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दोषी मुकेश के पुनर्विचार याचिका का विरोध किया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि ये मामला पुनर्विचार का बनता ही नहीं है.

  5. दिल्ली पुलिस ने कहा कि जो टॉर्चर थ्योरी कोर्ट को बताई जा रही है वह गलत है क्योंकि अगर ऐसा होता तो तिहाड़ जेल प्रशासन या निचली अदालत को बता सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले में कही भी मौलिक अधिकारों का उल्‍लंघन नहीं हुआ है.

  6. दोषी मुकेश की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि उन्हें टॉर्चर किया गया. टॉर्चर को लेकर निचली अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया.

  7. दोषी मुकेश की तरफ से कहा ये भी कहा गया कि जांच सही से नहीं की गई मैं मौके पर नहीं था.  दोषी मुकेश के पुनर्विचार याचिका पर बहस पूरी हो गई है. 

  8. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी को करेगा.

  9. सजायाफ्ता मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. याचिका में फांसी की सजा पर फिर से विचार करने की गुहार लगाई. याचिका में फांसी पर अंतरिम रोक की मांग भी की गई है. दरअसल, पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने आदेश दिया था कि फांसी की सजा के मामलों में तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी और पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई होगी. 

  10. 16 दिसंबर 2012 दिल्ली गैंगरेप मामले में चार दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा था.  फैसले के दौरान निर्भया के माता-पिता कोर्ट में मौजूद थे. फैसला सुनकर निर्भया की मां की आंखों में आंसू आ गए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सेक्स और हिंसा की भूख के चलते बड़ी वारदात को अंजाम दिया. दोषी अपराध के प्रति आसक्त थे. जैसे अपराध हुआ, ऐसा लगता है अलग दुनिया की कहानी है. जजों के फैसला सुनाने के बाद कोर्ट में तालियां बजीं. गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च  2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी. दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी. इसके बाद तीन जजों की बेंच को मामले को भेजा गया और कोर्ट ने केस में मदद के लिए दो एमिक्‍स क्यूरी नियुक्त किए गए थे.


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