नोटबंदी पर राज्यसभा में बोलते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के बाद देश के कई हिस्सों में फैली अफरातफरी पर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. इस प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने कहा कि ‘प्रबंधन की विशाल असफलता’ है और यह संगठित एवं कानूनी लूट-खसोट का मामला है.
राज्यसभा में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के भाषण की खास बातें
- इसके उद्देश्यों को लेकर असहमत नहीं हूं, लेकिन इसके बाद बहुत बड़ा कुप्रबंधन देखने को मिला, जिसे लेकर पूरे देश में कोई दो राय नहीं.
- मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कहता हूं कि हम इसके अंतिम नतीजों को नहीं जानते.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा 50 दिन रुक जाइये, यह छोटी अवधि है, लेकिन गरीबों और वंचित तबकों के लिए ये 50 दिन किसी प्रताड़ना से कम नहीं हैं. अब तक तो करीब 60 से 65 लोगों की जान जा चुकी है. शायद यह आंकड़ा बढ़ भी जाए.
- लोगों ने बैंकों में अपने पैसे जमा कराए, लेकिन उसे निकाल नहीं सकते... जो हो रहा है उसकी निंदा के लिए इतना ही काफी है.
- कृषि, असंगठित क्षेत्र और लघु उद्योग नोटबंदी के फैसले से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और लोगों का मुद्रा व बैंकिंग व्यवस्था पर से विश्वास खत्म हो रहा है.
- आम लोगों को हो रही परेशानियां दूर करने के लिए प्रधानमंत्री को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए रचनात्मक प्रस्ताव पेश करना चाहिए.
- नियमों में हर दिन हो रहा बदलाव प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक की खराब छवि दर्शाता है.
- मुझे बहुत खेद है कि भारतीय रिजर्व बैंक की इस तरह से आलोचना हो रही है, लेकिन यह जायज़ है.
- इस योजना को जिस तरह से लागू किया गया, वह प्रबंधन के स्तर पर विशाल असफलता है. यहां तक कि यह तो संगठित और कानूनी लूट-खसोट का मामला है.
- मुझे पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री पीड़ितों को राहत देने के लिए व्यावहारिक कदम निकालेंगे.