केएमपी एक्सप्रेसवे (KMP Expressway), यानी कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई 135.6 किलोमीटर है...
नई दिल्ली:
प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की मार झेल रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अब कुछ राहत पा सकेगी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केएमपी एक्सप्रेसवे, यानी कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को आम जनता के लिए खोल दिया है, और इसकी बदौलत अब हरियाणा के सोनीपत से मानेसर और पलवल जाने वालों को दिल्ली होकर नहीं जाना पड़ेगा, और राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर गाड़ियों की तादाद घटेगी. माना जा रहा है कि दिल्ली को घेरकर चलने वाली रिंग रोड सरीखे और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे कहे जाने वाले कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे या KMP एक्सप्रेसवे की बदौलत कम से कम 50,000 वाणिज्यिक वाहन भी रोज़ाना दिल्ली में प्रवेश से बच सकेंगे.
केएमपी एक्सप्रेसवे से जुड़ी आठ खास बातें
- कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे ( KMP Expressway) की कुल लम्बाई 135.6 किलोमीटर है, और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ लेने पर पूरे रूट की लम्बाई 270 किलोमीटर हो जाती है.
- KMP एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों के लिए अधिकतम गतिसीमा को 120 किलोमीटर प्रति घंटा रखा गया है, जबकि भारी तथा वाणिज्यिक वाहनों के लिए अधिकतम गतिसीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.
- आठ छोटे पुलों, छह बड़े पुलों के अलावा 34 अंडरपास (underpass) और 64 पैदल पारपथ (pedestrian crossings) वाले छह लेन के कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर कई रीफ्रेशमेंट सेंटर, पार्किंग लॉट, पुलिस स्टेशन तथा पेट्रोल पंप भी होंगे. (यह भी पढ़ें : केएमपी एक्सप्रेसवे का उद्घाटन : PM ने कहा - अटकाने, लटकाने, भटकाने वाली संस्कृति ने नुकसान किया)
- कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर अलग-अलग प्रकार के वाहनों के लिए टोल की दर फिलहाल पता नहीं चल पाई है, लेकिन यहां टोल की दर सामान्य राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में सवा गुणा रहेगी.
- कुल 2,846 एकड़ ज़मीन पर तैयार किए गए एक्सप्रेसवे के ज़रिये पानीपत की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 1 को बहादुरगढ़ के निकट कुंडली पर राष्ट्रीय राजमार्ग 10 से जोड़ा गया है. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर मानेसर में तथा दिल्ली-आगरा हाईवे पर पलवल के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर भी कनेक्शन बनाए गए हैं. कुल मिलाकर यह एक्सप्रेसवे हरियाणा के पांच जिलों सोनीपत, गुरुग्राम (गुड़गांव), पलवल, मेवात तथा झज्जर के निवासियों को जोड़ेगा.
- 'बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर' प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार किए गए कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर आने-जाने वालों की सुरक्षा के लिए तीन मीटर चौड़े मेटल बीम बैरियर के अलावा पूरे मार्ग पर चेन-लिंक फेन्स भी लगाई गई है.
- भूमि अधिग्रहण में हुई दिक्कतों के चलते एक के बाद कई डेडलाइन इस एक्सप्रेसवे को मिस करनी पड़ीं, और वर्ष 2009 में निर्धारित उद्घाटन के स्थान पर यह अब 2018 में जनता के लिए खोला गया है, लेकिन अब जब यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह चालू हो गया है, अब दक्षिण और पश्चिम की ओर जाने वाले वाहनों को दिल्ली में नहीं घुसना पड़ेगा, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैफिक की हालत में सुधार होगा.
- इस एक्सप्रेसवे का मूल उद्देश्य हरियाणा के उत्तरी हिस्से को हाई-स्पीड रोड के ज़रिये, खासतौर से भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए, पड़ोसी राज्यों से जोड़ना है.