महबूबा मुफ्ती और अमित शाह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर राजनीति तेज हो गई है। पीडीपी की महबूबा मुफ्ती से उपमुख्यमंत्री रह चुके निर्मल सिंह मिलने पहुंचे। दरअसल, राज्यपाल ने दोनों ही दलों को आज शाम तक नई सरकार के बारे में स्थिति साफ़ करने को कहा है।
खास बातें
- राज्यपाल एनएन वोहरा से पीडीपी की महबूबा मुफ्ती शाम 4.30 बजे मिलेंगी और बीजेपी का मिलने का वक्त 6 बजे है।
- राज्यपाल ने कहा है कि पिछले 10 महीने से राज्य में मिलकर सरकार चला रही दोनों पार्टियों को आज यह स्पष्ट करना होगा कि वे राज्य में दोबारा सरकार बनाएंगे या नहीं।
- सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है कि बीजेपी गठबंधन को अपना समर्थन देती रहेगी। यह निर्णय पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और महासचिव राम माधव की मौजदूगी में हुआ। यह बैठक राज्यपाल के समन के बाद बुलाई गई थी।
- वैसे, महबूबा मुफ्ती गठबंधन को जारी रखने के प्रति अनिच्छुक लग रही हैं, जिससे पीडीपी-बीजेपी के 10 महीने पुराने गठबंधन का भविष्य खतरे में दिख रहा है। दरअसल, पिछले माह तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से उनकी उत्तराधिकारी के रूप में महबूबा के ही सत्ता संभालने के आसार नज़र आते रहे हैं।
- लेकिन महबूबा ने अपने पिता के राजकीय शोक की अवधि खत्म हो जाने के बावजूद शपथ ग्रहण नहीं की। रविवार को उन्होंने यह संकेत भी दिए कि वह जम्मू एवं कश्मीर में नए सिरे से चुनाव करवाना पसंद करेंगी
- सूत्रों ने जानकारी दी है कि महबूबा ने एक पार्टी मीटिंग के दौरान कहा, "मैं पीडीपी की मूल विचारधारा पर अडिग रहूंगी, चाहें मैं अकेली ही क्यों न रह जाऊं... मैं जनता के पास वापस जाऊंगी..."
- सूत्रों के मुताबिक, अनुच्छेद 370 और AFSPA को लेकर दोनों पार्टियों में मतभेद हैं। और पीडीपी इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से लिखित में आश्वासन चाहती है।
- उधर, सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के पास आधिकारिक रूप से महबूबा की कोई शर्त नहीं पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी को अब भी पूरा भरोसा है कि वे पीडीपी के साथ राज्य में दोबारा सरकार बना लेंगे।
- पार्टी इस मामले में भी दृढ़ है कि पिछले 10 महीनों में 'गठबंधन के एजेंडे' से दूर जाने की वजह से किसी तरह का कोई आश्वासन देने की कोई ज़रूरत नहीं है।
- इस बीच, पीडीपी की ओर से मिलेजुले संकेत मिल रहे हैं। रविवार की बैठक में कुछ नेताओं ने कथित रूप से कहा कि वे तुरंत सरकार गठन के पक्ष में हैं। गौरतलब है कि राज्य में 7 जनवरी को मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा के शपथ ग्रहण करने से इंकार करने की वजह से राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। राज्य की 87-सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी 27 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, और उन्होंने सरकार बनाने के लिए दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी से गठबंधन किया था, जिनके पास 25 विधायक हैं।