पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनकी कमर तोड़ दी है. पीओके और पाकिस्तान के आतंकी कैंपों पर (Air strike on Terrorist Camp) भारतीय वायुसेना (indian air force) ने हवाई हमला किया और उसके सारे कैंपों को तबाह कर दिया. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 के 12 जेट ने पीओके और पाकिस्तान के बालाकोट (Balakot) में जाकर हवाई हमले (India Strikes) किए और आतंकी कैपों को न सिर्फ पूरी तरह तबाह किया, बल्कि करीब 300 आतंकवादी भी मार गिराए. वायुसेना की इस बड़ी कार्रवाई में न सिर्फ 300 आतंकवादी मारे गए हैं, बल्कि इसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का बहनोई यूसुफ अज़हर भी मारा गया है जो यह कैंप चला रहा था. भारतीय वायुसेना ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 12 मिराज फाइटर जेट का सहारा लिया. इतना ही नहीं, करीब 1000 किलो बम भी बरसाए गए. बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक की 24 बड़ी बातें
- भारत ने मंगलवार को सूर्य की किरण उगने से से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 300 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए. पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था. करीब 20 मिनट से भी कम समय में अंजाम दिया गया भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था.
- सरकार ने कहा कि हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे ‘हमलों को रोकने' के उद्देश्य से ‘‘ऐहतियात'' के तौर पर अंजाम दिया गया. उन्होंने कहा कि यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था. इसके चलते यह ‘‘आसान निशाना'' बन गया तथा आतंकवादियों को नींद में ही मौत के आगोश में सुला दिया गया.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में राजस्थान के चुरू में एक जनसभा में कहा, ‘मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि देश सुरक्षित हाथों में है. देश से ऊपर कुछ भी नहीं है.' उन्होंने हालांकि हमले का सीधा जिक्र नहीं किया और न कोई ब्योरा दिया.
- ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों का ब्योरा देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ठोस खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा हमले के बाद भारत में अन्य आत्मघाती हमलों की साजिश रच रहा है. बारह दिन पहले पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
- विजय गोखले ने दोपहर में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ठोस खुफिया सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य आत्मघाती हमले की साजिश रच रहा है और इस उद्देश्य के लिए फिदायीन जिहादी तैयार किए जा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि इसलिए यह हमला अत्यंत आवश्यक हो गया था. गोखले ने कहा, ‘खुफिया जानकारी के आधार पर आज तड़के चलाए गए अभियान में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया.' उन्होंने कहा कि शिविर बालाकोट में स्थित था, लेकिन उन्होंने इसके बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया.
- सूत्रों ने कहा कि संदर्भ पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित शहर का था जो नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर और ऐबटाबाद के नजदीक स्थित है जहां अमेरिकी बलों ने 2011 में अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को ढेर किया था. विजय गोखले ने इस बारे में भी ब्योरा नहीं दिया कि हमले किस तरह किए गए, लेकिन सूत्रों ने बताया कि बम गिराने के लिए 12 मिराज 2000 जेट विमानों के बेड़े का इस्तेमाल किया गया जिनमें अन्य विमान और दूसरी प्रणालियां भी शामिल थीं.
- सूत्रों ने कहा कि वायुसेना के विमानों ने आतंकी शिविरों को बर्बाद करने के लिये एक हजार किलोग्राम वजन के कई लेजर गाइडेड बमों का इस्तेमाल किया. युद्धक विमानों ने अभियान के लिए कई वायुसैनिक अड्डों से उड़ान भरी थी.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को अपने अमेरिकी, चीनी, सिंगापुर, बांग्लादेशी और अफगानिस्तानी समकक्षों से बात की और उन्हें पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण अड्डों पर तड़के किए गए हमलों के बारे में जानकारी दी. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से फोन पर की गई बातचीत में स्वराज ने उन्हें हमले के पीछे का कारण समझाया और बताया कि खासतौर पर निशाना जेईएम का अड्डा था.
सूत्रों ने बताया कि उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी बात की और उन्हें ‘एहतियात के तौर पर आत्मरक्षा में किए गए असैनिक हमलों' के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि स्वराज ने हमले को लेकर सिंगापुर, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अपने समकक्षों से भी बात की. सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, विदेश सचिव विजय गोखले ने अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन समेत सभी अहम देशों के राजदूतों को भी जानकारी दी है. श्रीलंका, मालदीव,अफगानिस्तान, भूटान, तुर्की और इंडोनेशिया को भी हवाई हमलों के बारे में जानकारी दी गई है. अलग अलग देशों के साथ रिश्तों को देखने वाले विदेश मंत्रालय के संबंधित प्रभागों ने अपने दायरे में आने वाले राजदूतों को हमले के बारे में जानकारी दी.
- सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर जगकर पूरे अभियान पर नजर रखे हुए थे और तभी आराम करने गए जब सभी लड़ाकू विमान और पायलट सुरक्षित लौट आए. उन्होंने सुबह करीब साढ़े चार बजे अभियान में शामिल सभी लोगों को बधाई दी. इस हमले से स्तब्ध पाकिस्तान ने “अपनी पसंद के समय और जगह” पर जवाब देने की बात कही और संयुक्त राष्ट्र व दूसरे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मामला उठाया.
- पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में भारतीय हवाई हमले के कुछ घंटे के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की विशेष बैठक में प्रधानमंत्री इमरान खान ने सशस्त्र बलों और पाकिस्तान के लोगों से किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है। इस्लामाबाद में एनएससी की बैठक के बाद एक बयान में कहा गया, ‘‘फोरम (एनएससी) भारत के दावे को पूरी तरह खारिज करता है कि उसने बालाकोट के नजदीक एक कथित आतंकवादी शिविर को निशाना बनाया और भारी क्षति पहुंचाई. भारत की सरकार ने एक बार फिर काल्पनिक दावे किए हैं.'
- पाकिस्तानी सेना ने इस बात की पुष्टि की है कि मंगलवार को तड़के भारतीय लड़ाकू जेट विमानों ने एक अभियान में ‘चार बम' गिराये हैं. पाक सेना ने इसे यह कह कर इसका महत्व कम करने की कोशिश की कि भारतीय हमले को नाकाम कर दिया गया और वापस जाते समय विमानों ने अपने बम गिरा दिये.
- पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि वह अपने जवाब से भारत को ‘‘चौंका'' देगा और यह राजनयिक, राजनीतिक और सैन्य सहित हर क्षेत्र में होगा. गफूर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना तथा लोगों से कहा है कि वे किसी भी संभावित परिस्थिति के लिए तैयार रहें. अब समय आ गया है जब भारत हमारे जवाब का इंतजार करे.'
- सूत्रों ने बताया कि भारत को खुफिया सूचना मिली थी कि जैश ए मोहम्मद ने अनेक प्रशिक्षु आतंकवादियों, उनके प्रशिक्षकों और इससे जुड़े अन्य लोगों को बालाकोट शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित शिविर में भेज दिया है जहां 500 से 700 लोग ठहर सकते हैं. शिविर में एक स्विमिंग पूल भी है. उन्होंने कहा कि पूरे तालमेल के साथ चलाए गए अभियान में लड़ाकू और अन्य विमानों ने पश्चिमी और मध्य कमानों के तहत आने वाले विभिन्न वायुसैनिक अड्डों से लगभग एक ही समय पर उड़ान भरी जिससे पाकिस्तान रक्षा अधिकारी यह समझने में भ्रम के शिकार हो गए कि ये विमान कहां जा रहे हैं. विमानों का एक समूह बेड़े से अलग होकर बालाकोट की ओर चला गया जहां ‘सोते हुए आतंकवादी भारत की बमबारी का आसान निशाना बन गए.'
- विदेश सचिव ने कहा कि आसन्न खतरे को देखते हुए ऐहतियाती हमला “नितांत आवश्यक” हो गया था. गोखले ने कहा, ‘इस अभियान में जैश-ए-मोहम्मद के बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक और वरिष्ठ कमांडर मारे गए और जिहादियों के समूह नष्ट हो गए जिन्हें फिदायीन हमलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा था.' उन्होंने कहा कि इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि हमले में किसी आम नागरिक की जान न जाए.
- सूत्रों ने बताया कि शिविर में कम से कम 300 आतंकवादी और 25 से 27 प्रशिक्षक थे. गोखले ने बयान पढ़ते हुए कहा कि आम लोगों की मौजूदगी से काफी दूर बालाकोट में घने जंगल में पहाड़ी पर स्थित आतंकी शिविर का संचालन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी करता था. बयान में यह नहीं बताया गया कि हमले में यूसुफ अजहर मारा गया या नहीं.
- पाकिस्तानी सीमा में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई कार्रवाई के लिए सभी दलों ने सर्वदलीय बैठक में वायुसेना की तारीफ की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं ने जहां अपनी प्रतिक्रियाओं में वायुसेना की तारीफ की वहीं भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं ने पुलवामा हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई के लिये मोदी के निर्णायक नेतृत्व और राजनीतिक इच्छाशक्ति की तारीफ की.
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के आतकंवादी प्रशिक्षण ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के हवाई हमले पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि है. जैश-ए-मोहम्मद ने ही जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर 14 फरवरी को हुए आत्मघाती विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी.
भारतीय सेना ने सीमापार से पाकिस्तानी गोलाबारी का करारा जवाब देते हुए जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के उस पार स्थित पाकिस्तान की पांच चौकियां ध्वस्त कर दी. इस कार्रवाई में कई पाकिस्तानी सैनिक ‘हताहत' हुए हैं. एक रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी. एक रक्षा पीआरओ ने कहा, ‘भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की और हमारी लक्षित गोलीबारी में पांच चौकियों को गंभीर नुकसान पहुंचा और (राजौरी और पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्र में) पाकिस्तानी सेना के कई जवान हताहत हुए.'
पाकिस्तानी सैनिकों को ग्रामीणों को मानव कवच के रूप में इस्तेमाल करते हुए आम नागरिकों के घरों से मोर्टार और मिसाइलें दागते हुए भी देखा गया. पीआरओ ने कहा कि हालांकि, भारतीय सेना ने आम नागरिकों की बस्तियों से अलग पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाया. इसके कारण ‘बड़ी संख्या में' पाकिस्तानी सैनिक हताहत हुए. दोनों तरफ से गोलीबारी में भारतीय सेना के पांच सैनिकों को मामूली चोटें आई हैं. इनमें से दो को इलाज के लिए सेना के अस्पताल ले जाया गया है. उनकी स्थिति स्थिर है.
- पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिजनों ने भी कहा कि इस हवाईहमले से उन्हें कुछ शांति मिली है लेकिन आतंकवाद के खतरे को एक बार और हमेशा के लिये समाप्त करने की मांग की. शहीद सीआरपीएफ जवान नारायण लाल गुर्ज के रिश्तेदार महेश गुर्जर ने कहा, “हम भारत से पाकिस्तान के लिये कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद करते थे और आज यह हुआ. हमारी क्षति अपूरणीय है लेकिन जो किया गया है हम उससे संतुष्ट हैं.”
- हवाईहमले के बाद देश भर में उत्साहित लोग सड़कों पर आ गए और अपनी खुशी जाहिर की. हरियाणा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की विधानसभा में वायुसेना की कार्रवाई की तारीफ करते हुए प्रस्ताव पारित किये गए.
पलटवार की संभावनाओं को देखते हुए भारत सरकार ने भी सभी सुरक्षा एजेंसियों, सुरक्षाबलों और सेना के तीनों विंग को अलर्ट पर रखा है. आतंकवादियों पर एयर स्ट्राइक के बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई और आगे की रणनीतियों पर बातचीत की गई.
विदेश सचिव विजय गोखले ने सभी देशों के राजनयिकों को इस कार्रवाई की जानकारी दी और इसे नॉन मिलेट्री ऑपरेशन बताया. भारत सरकार ने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ थी, न कि पाकिस्तान और वहां के नागरिकों के. इस हवाई हमले पर न सिर्फ भारत से बल्कि, दुनिया से भी अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.