अहमदाबाद:
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान खत्म होते ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही जीत के दावे करने लगे हैं. पहले चरण में 68 फीसदी वोटिंग हुई है. पहले दौर की वोटिंग कच्छ, सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में हुई. हालांकि पिछली बार यहां पर 71.3 फीसदी वोटिंग हुई थी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर दावा किया है कि बीजेपी ऐतिहासिक विजय की ओर बढ़ रही है. वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस इस बार गुजरात में परिवर्तन लाने वाली है.
पहले चरण के चुनाव की 10 बड़ी बातें
- मतदान 89 सीटें के लिए हुआ. दूसरे चरण के लिए गुरुवार को 93 सीटों के लिए वोटिंग होगी. सरकार बनाने के लिए 92 सीटों की जरूरत है. 18 दिसंबर को नतीजे आएंगे
- कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि भारी मतदान हमेशा परिवर्तन के लिए होता है और कांग्रेस इस बार जीतने जा रही है. हालांकि गुजरात में भारी मतदान पिछली बार भी हुआ था लेकिन बीजेपी ने ही वहां पर दोबारा सरकार बनाई थी. पिछली बार 71.3 फीसदी वोटिंग हुई थी जो कि 1980 के बाद से सबसे ज्यादा था.
- कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने दावा किया है कि कांग्रेस ही सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि बस एक ही दिक्कत है कि ईवीएम में कोई दिक्कत न हो. वह उन खबरों की ओर इशारा कर रहे थे जिनमें ईवीएम के खराब होने की बाते सामने आ रही थी.
- वहीं वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी दावा किया है कि बीजेपी बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ईवीएम के बहाने हार का बहाना ढूंढ रही है. उन्होंने ईवीएम में आई खराबी की खबरों पर कहा कि इतना बड़ा चुनाव हो रहा है उनमें ऐसी घटनाएं होती हैं.
- ब्लूटूथ के जरिए ईवीएम की हैकिंग की खबरों पर चुनाव आयोग ने कहा कि ब्लूटूथ और ईवीएम में कोई कनेक्शन नहीं है. ईवीएम मशीनों में ऐसा हो पाने के लिए ना तो रिसेप्टर्स होते हैं और न ही वायरिंग. इसलिए ऐसी खबरें गलत हैं.
- पहले चरण में जिन इलाकों में वोटिंग हुई है उसे बीजेपी का गढ़ कहा जाता है. सौराष्ट्र और सूरत में पाटीदारों बड़ी संख्या में रहते हैं और वह हमेशा से ही बीजेपी के साथ रहे हैं और इस बार भी उनका वोट निर्णायक माना जा रहा है. पिछली बार 89 में से 67 सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं.
- जीएसटी और नोटबंदी के बाद सूरत में व्यापारियों के बीच नाराजगी देखी गई थी. कांग्रेस ने इसको कितना भुनाया है यह देखने वाली बात होगी.
- इस चुनाव को पीएम मोदी और राहुल गांधी के बीच मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है. दोनों ही इस चुनाव को हर हाल में जीतना चाहते हैं ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार की जा सके.
- पहले चरण के चुनाव में राहुल गांधी के साथ ही हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवानी और ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर की भी 'अग्निपरीक्षा' है. इसी से पता चला जाएगा कि इन नेताओं का कितना प्रभाव रहा है.
- मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने बताया कि पहली बार सभी विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल हुआ और सभी दिव्यांग वोटरों को मैप किया गया.