2019 में बीजेपी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस का प्लान '250', उभर रही है एक धुंधली तस्वीर, 11 खास बातें

23 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा की 58 सीटों के लिए चुनाव ने कई विपक्षी दलों को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है.

2019 में बीजेपी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस का प्लान '250', उभर रही है एक धुंधली तस्वीर, 11 खास बातें

23 मार्च को है राज्यसभा की 58 सीटों के लिए चुनाव (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: राजस्थान में हुए उपचुनाव में लोकसभा की दो और विधानसभा की एक सीट जीतने के बाद कांग्रेस को लग रहा है कि 2019 में बाजी उसके हाथ में आ सकती है. उधर मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है. हाल ही में हुए सर्वे में पता लगा है कि 60 सीटों पर उसकी हालत बहुत खराब है. लेकिन इन सब के बीच उत्तर प्रदेश में जो समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं, उससे ऐसा लग रहा है कि 2019 में विपक्षी दलों के सामने साथ मिलकर चुनाव लड़ने के सिवाए फिलहाल कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है. गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव और 23 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा की 58 सीटों के लिए चुनाव ने कई विपक्षी दलों को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है.

इस रणनीति के तहत है कांग्रेस की तैयारी

  1. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की दो सीटों के उपचुनाव में बीएसपी ने सपा को समर्थन देने का फैसला कर लिया और बदले में राज्यसभा चुनाव में मदद मांगी. इसके बाद माना जा रहा है कि बीएसपी को एक सीट राज्यसभा की मिल सकती है. हालांकि कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं. लेकिन अगर यूपी में सपा-बसपा इन चुनावों के बाद भी साथ आते हैं तो कांग्रेस इन दलों के साथ जाने में देर नहीं लगाएगी.

  2. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जहां ऐलान कर चुकी है कि वो राज्यसभा चुनाव में बीएसपी को समर्थन करेगी तो दूसरी ओर मध्य प्रदेश बीएसपी के चार विधायक कांग्रेस के राज्यसभा के प्रत्याशी का समर्थन करेंगे. बात करें सीटों की गणित की तो यूपी और मध्य प्रदेश को मिलाकर 109 लोकसभा सीटें हैं. इन सीटों में बीजेपी का बंपर कब्जा है.

  3. झारखंड में भी जेएमएम ने भी राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है. वहीं ये समझौता लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए भी किया गया है.

  4. महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी साथ आ गए हैं. उधर शिवसेना और बीजेपी के बीच पटरी नहीं खा रही है. ऐेसे में कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं को इस बार फायदा होने की उम्मीद है. 

  5. कर्नाटक में बीएसपी और जेडीएस ने गठबंधन कर लिया है. माना जा रहा है इस जेडीएस यूपीए में शामिल हो सकता है. लेकिन ये तस्वीर राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद ही साफ हो हो सकती है. 

  6. त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के बाद अब उसकी नजर पश्चिम बंगाल पर है. इस बात का अंदाजा अब ममता बनर्जी को भी है. राज्यसभा चुनाव में टीएमसी ने कांग्रेस के प्रत्याशी को समर्थन करने का ऐलान किया है. टीएमसी पहले भी गैर-बीजेपी दलों को एक साथ आने के लिए कह चुकी है. वहीं कांग्रेस-वामदल राज्य में मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं.

  7. आंध्र प्रदेश में टीडीपी ने खुद मोदी सरकार से अलग कर लिया है. हालांकि अभी वह एनडीए का हिस्सा है. लेकिन कांग्रेस स्पेशल पैकेज के नाम पर उसको लुभाने की कोशिश कर रही है. इसी बीच 13 मार्च को यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डिनर का भी आयोजन किया है. सूत्रों का कहना है इसमें टीडीपी को शामिल किया जा सकता है. 

  8. तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव भी बीजेपी के खिलाफ मोर्चाबंदी का ऐलान कर चुके हैं. वह तीसरे मोर्चे की बात कर रहे हैं लेकिन हो सकता है कि सभी विपक्षी दलों का रुख देख वो भी कांग्रेस के साथ चले जाएं.

  9. तमिलनाडु में डीएमके यूपीए के साथ है और जिस तरह से बीजेपी और एआईएडीएमके रिश्ते हैं उससे लगता है कि डीएमके यूपीए के साथ रहेगी. 

  10. बिहार में महागठबंधन से अलग होकर जेडीयू बीजेपी के साथ है. तो जीतनराम मांझी महागठबंधन में चले गए हैं. राज्य में राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव है. एक सीट के लिए 35 वोट चाहिए. कांग्रेस के पास 27 विधायक हैं. आरजेडी के 9 अतिरिक्त विधायक हैं जो कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं. यहां कांग्रेस-आरजेडी का मजबूत गठबंधन है. ये बात अलग है कि दोनों के पास कोई और रास्ता भी नहीं है.

  11. कुल मिलाकर बात करें लोकसभा सीटों की मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में 250 सीटे हैं और इन राज्यों के समीकरण विपक्ष को एक साथ धीरे-धीरे नजदीक ला रहे हैं.