कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ( फाइल फोटो )
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के आज से शुरू होने जा रहे महाधिवेशन में कांग्रेस का दृष्टिकोण रखेंगे. महाधिवेशन में इस बार नेताओं के बजाय कार्यकर्ताओं पर ध्यान केन्द्रित रहेगा. महाधिवेशन की शुरूआत संचालन समिति की बैठक से होगी. उसमें लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में पार्टी की चुनावी रणनीति के जरिये पार्टी की दिशा तय होगी. इन चुनावों में कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बाहर करना चाहती है. आपको बता दें कि कांग्रेस का यह 84 वां महाधिवेशन है.
कांग्रेस महाधिवेशन से जुड़ीं 10 बड़ी बातें
- सूत्रों ने बताया कि पार्टी चार प्रस्ताव पारित करेगी. इनमें राजनीतिक, आर्थिक, विदेशी मामलों तथा कृषि, बेरोजगारी एवं गरीबी उन्मूलन के विषय शामिल होंगे. पार्टी प्रत्येक क्षेत्र के बारे में अपना दृष्टिकोण रखेगी और वर्तमान परिदृश्य से उसकी तुलना की जाएगी.
- संचालन समिति की आज की बैठक के बाद सभी प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाएगा।. महाधिवेशन सत्र की शुरूआत 17 मार्च की सुबह पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के उद्घाटन भाषण से होगी.
- दो दिन के गहन विचार विमर्श सत्र में राजनीतिक स्थिति सहित दो प्रस्तावों को पहले दिन लिया जाएगा. अंतिम दिन दो प्रस्तावों पर विचार होगा जिनमें बेरोजगारी से संबंधित प्रस्ताव होगा.
- महाधिवेशन का समापन भी कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण से होगा जिसमें वह आगामी चुनावों के लिए पार्टी की योजनाओं की दिशा तय करेंगे.
- सूत्रों ने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव में समान विचारों वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने के बारे में पार्टी की योजना का संकेत मिलेगा.
- कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दलो का एक बड़ा मोर्चा बनाने का प्रयास करना चाहती है
- यूपीए संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रात्रि भोज में 20 विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर इस दिशा में पहल की है.
- यही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से बुधवार को ही मुलाकात की है. ऐसा माना जा रहा है कि 2019 के आम चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्ष के संयुक्त मोर्चे के लिए प्रयासों को मजबूती देने के लिए यह मुलाकात हुई है.
- कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘‘ इस बार अन्य सत्रों की तुलना में महाधिवेशन अलग होगा क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष नेताओं की तुलना में कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देना चाहते हैं.’’
- कांग्रेस प्रमुख की बजाय ध्यान कार्यकर्ताओं पर केन्द्रित होगा जिन्हें पार्टी की भावी रणनीति के बारे में बोलने का मौका दिया जाएगा.