70 साल बाद भारत पहुंचे चीते.
नामीबिया से लाए गए चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुनो नेशनल पार्क में छोड़ दिए. भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद इस प्रजाति को देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत नामीबिया से आठ चीते विशेष मालवाहक विमान से लाए गए हैं. मालवाहक बोइंग विमान ने शुक्रवार रात को नामीबिया से उड़ान भरी थी.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया.
- उद्यान में एक मंच स्थापित किया गया था, जिस पर चीतों के विशेष पिंजरों को रखा गया और पीएम मोदी ने लीवर चलाकर उनमें से तीन चीतों को एक बाड़े में छोड़ दिया.
- इन चीतों को ‘टेरा एविया' की एक विशेष उड़ान में लाया गया है जो यूरोप में चिसीनाउ, मोल्दोवा में स्थित एक एयरलाइन है.
- यह चार्टर्ड यात्री और मालवाहक उड़ानें संचालित करती है. कुनो राष्ट्रीय उद्यान विंध्याचल पहाड़ियों के उत्तरी किनारे पर स्थित है और 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है.
- पहले भारत में काफी संख्या में चीते पाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या बहुत कम हो गई.
- नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित है, जो ग्वालियर से लगभग 165 किमी दूरी पर स्थित है.
- अधिकारियों के मुताबिक, आठ चीतों में पांच मादा और तीन नर चीते हैं.
- चीता संरक्षण कोष (सीसीएफ) के मुताबिक, पांचों मादा की उम्र दो से पांच साल के बीच, जबकि नर चीतों की आयु 4.5 साल से 5.5 साल के बीच है.
- 1952 में चीते को भारत में विलुप्त घोषित किया गया था. ‘अफ्रीकन चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया' 2009 में शुरू हुआ था और इसने हाल के कुछ वर्षों में गति पकड़ी है.
- भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.