विज्ञापन

Chandrayaan 2: बस कुछ समय बाद भारत लॉन्च करेगा 'चंद्रयान-2', पढ़ें- इस मिशन से जुड़ी 10 खास बातें

Chandrayaan 2: दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाने और अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने के मकसद से भारत सोमवार को दूसरे चंद्र मिशन 'चंद्रयान-2' का प्रक्षेपण करने जा रहा है.

Chandrayaan 2 Launch: भारत 978 करोड़ रुपये की लागत से बने 'चंद्रयान-2' का प्रक्षेपण करने जा रहा है.

नई दिल्ली:

Chandrayaan 2 Launch: दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाने और अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने के मकसद से भारत सोमवार को दूसरे चंद्र मिशन 'चंद्रयान-2' का प्रक्षेपण करने जा रहा है. इसे बाहुबली नाम के सबसे ताकतवर रॉकेट जीएसएलवी-एमके तृतीय यान से भेजा जाएगा. 'चंद्रयान-2' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. इससे चांद के बारे में समझ सुधारने में मदद मिलेगी जिससे ऐसी नयी खोज होंगी जिनका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा. तीन चरणों का 3,850 किलोग्राम वजनी यह अंतरिक्ष यान ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से सुबह दो बजकर 51 मिनट पर आकाश की ओर उड़ान भरेगा. 

Chandrayaan 2 Launch से जुड़ी 10 खास बातें
  1. पहले चंद्र मिशन की सफलता के 11 साल बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भू-समकालिक प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एमके तृतीय से 978 करोड़ रुपये की लागत से बने 'चंद्रयान-2' का प्रक्षेपण करने जा रहा है.
  2. 'चंद्रयान-2' (Chandrayaan 2) को चांद तक पहुंचने में 54 दिन लगेंगे. इसरो के अधिकारियों ने बताया कि गत सप्ताह अभ्यास के बाद रविवार को इस मिशन के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
  3. इसरो ने रविवार को कहा, 'जीएसएलवी-एमके तृतीय-एम1/चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती भारतीय समयानुसार छह बजकर 51 मिनट पर आज (रविवार) शुरू की गई.'
  4. इसरो का सबसे जटिल और अब तक का सबसे प्रतिष्ठित मिशन माने जाने वाले 'चंद्रयान-2' के साथ भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन जाएगा.
  5. तिरुमला में शनिवार को भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने बताया कि ‘चंद्रयान-2' के 15 जुलाई को तड़के दो बजकर 51 मिनट पर प्रक्षेपण के कार्यक्रम के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
  6. के सिवन ने कहा, Chandrayaan 2 प्रौद्योगिकी में अगली छलांग है क्योंकि हम चांद के दक्षिणी ध्रुव के समीप सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश कर रहे हैं. सॉफ्ट लैंडिंग अत्यधिक जटिल होती है और हम तकरीबन 15 मिनट के खतरे का सामना करेंगे.'
  7. स्वदेशी तकनीक से निर्मित चंद्रयान-2 में कुल 13 पेलोड हैं. आठ ऑर्बिटर में, तीन पेलोड लैंडर ‘विक्रम' और दो पेलोड रोवर ‘प्रज्ञान' में हैं. पांच पेलोड भारत के, तीन यूरोप, दो अमेरिका और एक बुल्गारिया के हैं. 
  8. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद श्रीहरिकोटा में प्रक्षेपण होते हुए देखेंगे. प्रक्षेपण के करीब 16 मिनट बाद जीएसएलवी-एमके तृतीय Chandrayaan 2 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा.
  9. लैंडर ‘विक्रम' का नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है. वहीं, 27 किलोग्राम ‘प्रज्ञान' का मतलब संस्कृत में ‘बुद्धिमता' है.
  10. चंद्रयान-2 के कुछ कलपुर्जे भुवनेश्वर के ‘सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर' ने भी बनाए हैं. केंद्र सरकार द्वारा संचालित (सीटीटीसी) ने भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क ।।। (थ्री) के क्रायोजेनिक इंजन में ईंधन प्रवेश कराने के लिए 22 प्रकार के वाल्व तथा अन्य पुर्जे बनाये हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी, 40 लाख नौकरियां... मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में और क्या-क्या, 10 पॉइंट्स में जानें
Chandrayaan 2: बस कुछ समय बाद भारत लॉन्च करेगा 'चंद्रयान-2', पढ़ें- इस मिशन से जुड़ी 10 खास बातें
किसानों के प्रदर्शन से राजधानी दिल्ली जाम, जनता सड़क पर कर रही है त्राहिमाम!
Next Article
किसानों के प्रदर्शन से राजधानी दिल्ली जाम, जनता सड़क पर कर रही है त्राहिमाम!
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;