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यूपी की दो लोकसभा सीटों और बिहार की एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों के लिए आज मतदान होगा. यूपी की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट और बिहार के अररिया लोकसभा सीट के साथ भबुआ और जहानाबाद विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. गोरखपुर और फूलपुर में उपचुनावों को भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. 2019 लोकसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा के बीत जो तालमेल बना है उसका भी इस चुनाव के जरिए टेस्ट होगा. वहीं, बिहार में महागठबंधन तोड़कर दोबार एनडीए के साथ आए नीतीश कुमार का पहला चुनावी टेस्ट होगा. इन सीटों पर मतदान आज सुबह 7 बजे से लेकर 5 बजे तक किए जाएंगे.
अहम जानकारियां:
गोरखपुर लोकसभा सीट का गोरखनाथ पीठ के महंत लंबे अरसे से नेतृत्व करते रहे हैं. बीजेपी ने इस उपचुनाव में उपेंद्र शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है. गोरखपुर सीट से योगी आदित्यनाथ पांच बार से चुनाव जीतते आए हैं. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद से यह सीट खाली है. साल बाद हुई थी. इस बार, मुख्यमंत्री ने उपेंद्र दत्त शुक्ला के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया है जो पार्टी के क्षेत्रीय प्रमुख हैं.
फूलपुर लोकसभा सीट के लिए बीजेपी ने कौशलेंद्र पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है. कौशलेंद्र पटेल कासी के पूर्व मेयर हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उनके नाम की घोषणा की थी. पूर्व में फूलपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी किया था. बीजेपी ने इस सीट पर पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी.
यूपी उपचुनाव में दशकों बाद यह देखने को मिल रहा है कि सपा और बसपा एक साथ आए हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने उपचुनाव में कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है. उन्होंने पहले कहा था कि वो उस उम्मीदवार को समर्थन देंगे जो बीजेपी को हराने में सक्षम होगा.
2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले सपा और बसपा के बीच बने इस तालमेल का भी इस चुनाव के जरिए टेस्ट हो जाएगा. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन किया था, लेकिन उपचुनाव में वो अकेल ही मैदान में है.
अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायवती को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया था. लेकिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोनों पर तंज कसते हुए इसे सांप और छछूंदर की जोड़ी कहा था.
बिहार उपचुनाव में सीधी टक्कर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच होगी. उपचुनाव में अपने पिता लालू यादव की गैरमौजूदगी में तेजस्वी यादव आरजेडी को लीड कर रहे हैं. लालू यादव करप्शन केस में जेल में बंद हैं.
तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर जनता से मिले मैंडेट के अपमान का आरोप लगाते आ रहे हैं. तेजस्वी यादव का कहना है कि जनता ने महागठबंधन को वोट दिया था, लेकिन नीतीश ने राज्य की जनता को धोखा दिया है.
अररिया सीट आरजेडी के प्रभावशाली नेता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन की मौत के कारण खाली हुआ था. इस सीट पर आरजेडी ने उनके बेटे सरफराज आलम को मैदान में उतारा है. आरजेडी की आंखें यादव और मुस्लिम वोटों पर गड़ी हैं. वहीं भाजपा ने प्रदीप सिंह को मैदान में उतारा है, जिन्होंने इस सीट को 2009 में जीता था और 2014 में दूसरे नंबर पर रहे थे. तेजस्वी यादव ने अररिया में बीते तीन दिनों ताबड़तोड़ रैलियों की हैं, जबकि नीतीश ने दो रैलियां की हैं.
जहानाबाद विधानसभा सीट आरजेडी नेता मुंद्रिका सिंह यादव की मौत के कारण खाली हुआ है. आरजेडी ने उनके बेटे उदय यादव को मैदान में उतारा है, उदय यादव की सीधी टक्कर जेडीयू के अभिराम शर्मा के साथ हैं. अभिराम शर्मा ने 2010 में यह सीट जीती थी, जब उनकी पार्टी भाजपा की सहयोगी थी.
भबुआ सीट पर भाजपा नेता आनंद भूषण पांडे की मौत के कारण खाली हुआ है. सत्तारूढ़ भाजपा-जदयू गठबंधन ने इस सीट पर विधवा रिंकी रानी पांडे को मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस ने शंभू पटेल को मैदान में उतारा है.