सातवां वेतन आयोग लागू, कर्मचारियों को होगा फायदा
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया गया। फैसले के हिसाब से वर्तमान और पूर्व केंद्रीय कर्मचारियों को करीब 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिलेगी।
- सरकार के इस कदम से करीब एक करोड़ परिवारों को इसका लाभ होगा। इस वेतन आयोग की रिपोर्ट को 1 जनवरी 2016 से लागू किया जाएगा।
- बताया जा रहा है कि वेतन और भत्तों में 23.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की बात कही गई है जबकि पेंशनधारकों को 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी दी जाएगी।
- वेतन आयोग सिफारिशों के लागू करने पर सरकारी खजाने पर करीब 1.02 लाख करोड़ रुपये का सालाना बोझ आएगा, जिसमें 28,450 करोड़ रुपये से अधिक का बोझ रेलवे बजट और बाकी 73,650 करोड़ रुपये आम बजट पर जाएगा।
- वेतन आयोग ने जो वेतन वृद्धि की सिफारिश की है वह पिछले सात दशक में सबसे कम है। लेकिन यह भारत की कुल सकल घरेलू उत्पाद का 0.7 प्रतिशत है।
- बता दें कि सरकार हर दस साल में अपने कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के लिए आयोग का गठन करती है जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर फैसला लेती है।
- ऐसे हर दस साल में केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई के हिसाब से वेतन वृद्धि का लाभ मिल जाता है। बता दें कि सरकार हर साल दो बार वेतन वृद्धि किया करती है साथ ही कर्मचारियों को महंगाई भत्ता भी अलग से दिया जाता है।
- वेतन आयोग ने कर्मचारियों के लिए न्यूनतम 18000 रुपये और अधिकतम 225000 रुपये (कैबिनेट सचिव और इस स्तर के अधिकारी के लिए 250000 रुपये) की सिफारिश की थी वहीं, सचिवों की अधिकार प्राप्त इस समिति ने इसमें 18-30 प्रतिशत की वृद्धि की बात कही है। यानी 18000 रुपये के स्थान पर करीब 27000 रुपये और 225000 के स्थान पर 325000 रुपये करने की सिफारिश की है।
- इससे साफ है कि जिस अधिकारी को अभी तक 90000 रुपये प्रति माह मिलते थे अब वह दोगुने से अधिक यानी करीब 2.5 लाख रुपये तक पाएगा।
- वित्तमंत्री अरुण जेटली पहले ही साफ कर चुके हैं कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी। वहीं, आर्थिक मामलों के जानकारों की राय में इससे महंगाई दर बढ़ने की आशंका बनी हुई है। इस संभावना के मद्देनजर सरकार ने बाजार पर निगाह बनाए रखी है।
- अकसर देखा गया है कि सरकारी कर्मचारी वेतन आयोग से मिले लाभ का सर्वाधिक प्रयोग रीयल एस्टेट सेक्टर में करते हैं। इसके अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में तेजी आने की उम्मीद है। वैसे, देश में रीयल एस्टेट सेक्टर की हालत पिछले एक दो साल से खराब ही चल रही है। कम से कम दिल्ली एनसीआर में प्रॉपर्टी के दाम काफी नीचे आए हैं।