जिंदा बच्चे को मरा हुआ बताने वाला मैक्स अस्पताल दोषी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
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दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में जिंदा बच्चे को मृत बताने के मामले में अस्पताल को दोषी पाया गया है. दिल्ली सरकार की गठित एक तीन सदस्यीय समिति ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में अस्पताल को तय मेडिकल नियमों का पालन नहीं करने का दोषी पाया है. वहीं नवजात की भी इलाज के दौरान मौत हो गई है.
- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को सौंपी प्राथमिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल ने बच्चे की ईसीजी नहीं की, जिससे पता चलता कि बच्चे की मौत नहीं हुई थी.
- इसके अलावा बिना लिखित निर्देश के बच्चे को मां-बाप को सौंप दिया गया और जिंदा और मृत बच्चे को अलग-अलग नहीं रखा गया.
- अब अस्पताल को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा, जिसके बाद फ़ाइनल रिपोर्ट आएगी.
- 30 तारीख़ से वेंटिलेटर पर था 22 हफ्ते का नवजात, जिसकी बुधवार को मौत हो गई.
- पीतम पुरा के अग्रवाल अस्पताल में चल नवजात का चल रहा था इलाज.
- दिल्ली सरकार ने 'आपराधिक लापरवाही' की जांच के आदेश दिए थे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया था.
- दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि उक्त घटना के सिलसिले में जांच होगी और 72 घंटे के अंदर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी और एक हफ्ते के अंदर अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
- दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने भी मामले का संज्ञान लिया था और इसकी जांच करने का निर्णय किया था.
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली सरकार को मामले में गौर करने और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
- शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल द्वारा 2 जुड़वां बच्चों को प्रीमैच्योर डिलीवरी यानि समय से पहले हुई डिलीवरी के बाद दोनों बच्चों को मृत घोषित कर अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया, लेकिन इनमें से एक बच्चे के शरीर में हरकत होने के बाद उसे जिंदा पाकर परिवार ने मैक्स अस्पताल पर भारी लापरवाही का आरोप लगाया.
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