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माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए बनी एक सलाहकार समिति ने प्रक्रियाओं को आसान करने तथा टैक्स के ऑटो-रिफंड (स्वत: वापसी) के मद्देनजर टैक्स प्रणाली में कई बदलावों का सुझाव दिया है. समिति के सदस्य तथा खुदरा कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बुधवार को यह जानकारी दी.
छह-सदस्यों वाली इस समिति का गठन सरकार ने पिछले महीने किया था.
खंडेलवाल ने कहा कि समिति ने जीएसटी के संबंध में 100 से अधिक सुझाव दिए हैं.
सलाहकार समिति ने रिटर्न दायर करने की प्रक्रिया को आसान एवं व्यावहारिक किए जाने का सुझाव दिया गया, ताकि रिटर्न को संशोधित किया जा सके.
इसके अलावा नेशनल एडवांस रूलिंग अथॉरिटी गठित करने का भी सुझाव दिया गया. उन्होंने बताया कि इस समिति ने राजस्व सचिव को मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी.
गौरतलब है कि निर्यातकों ने नवंबर महीने तक जीएसटी के तहत रिफंड के लिए 10,0000 से अधिक आवेदन किए हैं.
इसके मद्देनजर जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने निर्यातकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके दावे उक्त महीने में चुकाए गए जीएसटी से अधिक नहीं हो.
वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि जीएसटी कार्यान्वयन के पहले चार महीने में निर्यातकों ने 6500 करोड़ रुपये के रिफंड का दावा किया है.