हिंदू धर्म से जुड़े प्रत्येक मंदिर और धार्मिक स्थलों के बाहर आपने बड़े-बड़े घंटे या फिर घंटियां लटकी तो जरूर देखी ही होंगी, जिन्हें मंदिर में प्रवेश लेते ही भक्त श्रद्धा से बजाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा कि आखिर इन घंटियों को मंदिर के बाहर लगाने और इसे बजाने का महत्व क्या है. हिंदू धर्म में यह एक आस्था का विषय है. माना जाता है कि वैदिक काल से ही मंदिरों में घंटी बजाने की परंपरा चली आ रही है. शास्त्रों के अनुसार, पूजा के समय घंटी जरूर बजानी चाहिए, क्योंकि घंटी से आने वाली आवाज के साथ मंदिर में रखी भगवान की प्रतिमाएं चैतन्य हो जाती हैं और इससे पूजा प्रभु तक पहुंच जाती है. वहीं, कुछ लोग मानते हैं कि घंटी की आवाज से आत्मिक शांति का अनुभव होता है. चलिए आपको बताते हैं इसके पीछे का महत्व.
घंटी बजाने का धार्मिक कारण | Significance Of Bell In Temple
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घंटी बजाने से उसमें से जो ध्वनि निकलती है, वह शरीर के सात चक्रों को सक्रिय करती है. माना जाता है कि घंटी से निकलने वाली आवाज मस्तिष्क के दाएं और बाएं लोब के बीच सामंजस्य बनाती है, जो इनके बीच एकता पैदा करती है यानि की नकारात्मक विचारों को दूर करती है.
कहा जाता है कि वतर्मान में घंटी की ध्वनि को ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि घंटी को तैयार करने के लिए कई घातुओं का प्रयोग किया जाता है. माना जाता है कि घंटी की आवाज से हवा में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म कीटाणुओं का नाश होता है. कहा जाता है इसीलिए पूजा के दौरान स्वच्छ वातावरण के लिए घंटी को बजाया जाता है.
पुराणों में वर्णन मिलता है कि जब सृष्टि का सृजन हुआ, उस समय एक आवाज गूंजी थी, उस घंटी की आवाज को उसी नाद का प्रतीक माना जाता है, इसलिए बहुत ही प्राचीन समय से पूजा-आरती करते समय घंटी बजाने का प्रचलन चला आ रहा है.
मान्यता है कि घंटी की आवाज नकारात्मकता को दूर करती है. इसके साथ है वातावरण को शुद्ध कर सकारात्मकता फैलाती है. हिंदू धर्म में घंटियों को फूलों से पूजा जाता है.
कहते हैं कि घंटी की मनमोहक और कर्णप्रिय ध्वनि मन-मस्तिष्क को अध्यात्म भाव की ओर ले जाने का सामर्थ्य रखती है. मान्यता है कि मंदिर में घंटी बजाने से मानव के कई जन्मों के पाप तक नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा मन घंटी की लय से जुड़कर शांति का अनुभव करता है.
ऐसा कहा जाता है कि सुबह-शाम जब भी मंदिर में पूजा-आरती होती है तो एक लय और एक ध्वनि के साथ घंटियां बजाई जाती हैं, जिससे वहां मौजूद लोगों को शांति और दैवीय उपस्थिति की अनुभूति होती है.
इसके अलावा घंटी बजाने के पीछे एक और वजह बताई जाती है, कहा जाता है कि मंदिर में प्रवेश करते ही देवी-देवताओं की अनुमति लेने या फिर ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए भी घंटी बजाई जाती है.
माना जाता है कि देवी-देवताओं को घंटा, शंख और घड़ियाल आदि की आवाज काफी पसंद होती है, इसीलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए घंटी बजाई जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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