हिंदू धर्म में हर तिथि का एक अलग ही महत्व होता है. हर तिथि को अलग तरीके से मनाया जाता है और उस दिन बिल्कुल अलग तरीके से पूजन किया जाता है. ठीक इसी तरह हिंदू पंचांग की पंद्रहवीं तिथि को अमावस्या मनाई जाती है. इन दिनों पौष का महीना चल रहा है. ऐसे में पौष अमावस्या के दिन दान करने का बहुत महत्व होता है. इसके अलावा इस दिन नदी स्नान करना अच्छा माना जाता है. पौष अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए जरूरी उपाय किए जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि पितृ दोष की वजह से परिवार की सुख और शांति पर असर पड़ता है. वंश वृद्धि में परेशानी आने लगती हैं. इन सभी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या का दिन अच्छा माना जाता है. आइए जानते हैं कि साल 2022 में पौष अमावस्या कब है? इसकी तिथि कब से शुरु होगी.
पौष अमावस्या 2022 की तिथि और मुहूर्त
- पंचांग के मूताबिक, पौष महीने के कृष्ण पक्ष की अमवास्या तिथि 2 जनवरी 2022 को पड़ेगी.
- अमावस्या तिथि का मुहूर्त 2 जनवरी को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से शुरू होगा.
- 2 जनवरी को रात 12 बजकर 2 मिनट पर पौष अमावस्या का समापन होगा.
- अमावस्या तिथि सूर्योदय पर 2 जनवरी से शुरू हो रही है, इसलिए अमावस्या की उदया तिथि 2 जनवरी 2022 को ही प्राप्त हो रही है.
- पौष अमावस्या 2 जनवरी 2022 रविवार को है.
- पौष अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 14 मिनट से शाम के 4 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इस दिन आप जो भी काम करेंगे वो सिद्ध और सफल होगा.
पितरों को खुश करने के लिए करें ये उपाय
कहा जाता है कि अमावस्या के दिन काल सर्प दोष की पूजा और उपाय किए जाते हैं. पौष अमावस्या के दिन चांदी से बने नाग-नागिन की पूजा कर उन्हें नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए.
इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना अच्छा माना जाता है. अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को भोजन कराने से पुण्य मिलता है। आप भी पौष अमावस्या के दिन गरीब और जरूरतमंदों को खाना खिला सकते हैं. ऐसा करने से आप के पितर प्रसन्न होंगे.
शस्त्रों के मुताबिक अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. पौष अमावस्या के दिन पूरे विधि विधान से पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को खाना जरूर खिलाएं. इसके बाद उन्हें अपने सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा भी दे सकते हैं.
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