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This Article is From Mar 01, 2017

भारतीय वास्तुशास्त्र में पढ़ाई में एकाग्रता और परीक्षा में अच्छे रिजल्ट के लिए सुझाए गए हैं ये उपाय

भारतीय वास्तुशास्त्र में पढ़ाई में एकाग्रता और परीक्षा में अच्छे रिजल्ट के लिए सुझाए गए हैं ये उपाय
विद्यार्थियों में एकाग्रता की कमी क्यों होती है, इसके कई कारण हो सकते हैं. लेकिन एक कारण उनके पढ़ने के स्थान और उनकी अध्ययन सामग्रियों के रख-रखाव से जुड़ा होता है. यहीं पर बच्चों के माता-पिता भारतीय वास्तुशास्त्र में सुझाए गए कुछ वास्तु टिप्स को अपना कर न केवल बच्चे की एकाग्रता में वृद्धि कर सकते हैं, बल्कि परीक्षा में अच्छे नंबर भी लाए जा सकते हैं. भारतीय वास्तुशास्त्र में सुझाए गए इन वास्तु टिप्स को आजमा कर आप अपने बच्चों को अच्छे स्कोर दिलवाने में सफल हो सकते हैं.

भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार छात्र एग्जाम्स में अच्छे अंक ला सकें, इसके लिए तीन बातों का खयाल रखने का सुझाव देता है, पहला, अध्ययन कक्ष यानी स्टडी रूम उत्तर या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए, दूसरा, पढ़ाई करते समय चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा में हो तो बहुत बढ़िया होता है और तीसरा, अच्छी एकाग्रता के लिए अध्ययन कक्ष में हल्का हरा, पीला या हल्का नीले रंग प्रयोग करना चाहिए. 
इन सुझावों के तहत आप स्टडी टेबल पर नीला क्लॉथ बिछा कर या स्टडी टेबले लैमिनेनेट कर इस रंग को स्थापित किया जा सकता है. साथ ही अध्ययन कक्ष एक हिस्से में हरे रंग का बोर्ड लगाया जा सकता है. भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार अच्छे नतीजों के लिए अध्ययन कक्ष का दरवाजा उत्तर-पूर्व में खुले तो अधिक लाभ होता है.

वास्तुशास्त्र विशेषज्ञों के अनुसार, अध्ययन कक्ष में पढने की टेबल दीवार से दूर होनी चाहिए और सामने थोड़ी खाली जगह होनी चाहिए. ऐसा होने से छात्रों में नए-नए उपयोगी आइडिया आते हैं, साथ ही याददाश्त भी मजबूत होती है. अध्ययन कक्ष का वातावरण शांतिदायक तो होना ही चाहिए साथ ही इस कक्ष में कोई प्रकृति से जुड़ा कोई पोस्टर और सकारात्मक रुझान वाली तस्वीरें लगाई जानी चाहिए. स्टडी टेबल पर ज्यादा पुस्तक या अन्य सामान न हो यह सुनि़श्चित करना भी जरूरी है. साथ ही वह साफ़-सुथरी होनी चाहिए. 
पढ़ाई में एकाग्रता का संबंध लाइट्स यानी रौशनी से भी है. इसके लिए हमेशा दुधिया रौशनी वाले ट्यूबलाईट या बल्ब का इस्तेमाल करना चाहिए, जो आंखों को न चुभे. टेबल लैंप को पढ़ने वाले के बायें भाग में रखना चाहिए. यदि अध्ययन कक्ष में कोई दर्पण (आइना) हो, उसे हटा देना चाहिए या ढंक देना चाहिए.

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