उज्जैन कुंभ में 3 शाही स्नान और 10 पेशवाई की तारीख तय

उज्जैन कुंभ में 3 शाही स्नान और 10 पेशवाई की तारीख तय

फाइल फोटो

उज्जैन:

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में अप्रैल-मई में होने वाले सिंहस्थ कुंभ में शाही स्नान और पेशवाई की तारीखें तय कर दी गई हैं। कुंभ में तीन शाही स्नान होंगे और 13 में से 10 अखाड़ों की पेशवाई की तिथियां भी तय हो गई हैं। तीन अखाड़ों की पेशवाई की तारीख बाद में तय होगी। यह निर्णय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं प्रशासन की संयुक्त बैठक में लिया गया है। 

उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई तक सिंहस्थ कुंभ लगने जा रहा है। इसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इसी क्रम में अखाड़ा परिषद और प्रशासन की संयुक्त बैठक हुई। बैठक में तीन शाही स्नान की तारीखों पर सहमति बनी है। 

22 अप्रैल, 9 मई और 21 मई को होंगे शाही स्नान
निर्णय लिया गया कि प्रथम शाही स्नान 22 अप्रैल, द्वितीय शाही स्नान नौ मई और तृतीय स्नान 21 मई को होगा। सिंहस्थ मेला कार्यालय में हुई बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि, महामंत्री हरि गिरि एवं सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि और प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

इस संयुक्त बैठक में 10 प्रमुख अखाड़ों की प्रवेशाई (पेशवाई) की तिथि घोषित की गई। घोषणा के मुताबिक, पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पेशवाई 27 मार्च को, पंचायती आह्वान अखाड़ा की 10 अप्रैल को, तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा की पेशवाई 11 अप्रैल को, पंचायती अग्नि अखाड़ा की 14 अप्रैल को, पंचायती आनंद अखाड़ा की 15 अप्रैल को पेशवाई निकलेगी।

शेष तीन अखाड़ों की पेशवाई तिथि बाद में होंगी घोषित
इसी तरह पंचायती नया उदासीन अखाड़ा की पेशवाई 17 अप्रैल को, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा की 18 अप्रैल को, पंच अटल अखाड़ा की 19 अप्रैल को, निर्मल अखाड़ा की 19 अप्रैल को तथा पंचायत बड़ा उदासीन अखाड़ा की पेशवाई 20 अप्रैल को निकलेगी। 

शेष तीन अखाड़ों- निर्वाणी अणि अखाड़ा, दिगम्बर अणि अखाड़ा तथा निर्मोही अणि अखाड़ा की पेशवाई की तिथियां बाद में घोषित होंगी।

सभी अखाड़ों को नि:शुल्क बिजली 
बैठक में प्रभारी मंत्री सिंह ने साधु-संतों को बताया कि विगत चार वर्ष पूर्व से ही प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ कुंभ की तैयारियां प्रारंभ कर दी थीं। सिंहस्थ कुंभ के लिए तीन हजार 500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उज्जैन शहर में न केवल अधोसंरचना का निर्माण किया गया, बल्कि सभी ऐतिहासिक मंदिरों का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण भी किया गया है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अखाड़ों के निर्देशों का पालन करेगी। मेला क्षेत्र में सरकार की ओर से जो भी बेहतर से बेहतर व्यवस्था होगी, वह की जाएगी। सभी अखाड़ों को नि:शुल्क बिजली प्रदान की जाएगी। सभी निर्माण कार्य समय-सीमा में कराए जाएंगे। प्रत्येक अखाड़े में एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी तथा लायजनिंग अधिकारी नियुक्त होंगे।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)