Mauni Amavasya: माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) के नाम से जाना जाता है, जो हिंदू धर्म में काफी अहम माना गया है. इस दिन स्नान और दान का खास महत्व होता है, इस दिन किए दान का महत्व कई यज्ञ करने के बराबर माना जाता है. इस साल ये पर्व इसलिए भी और ज्यादा अहम हो गया है, क्योंकि 20 साल बाद ये शनिवार के दिन पड़ा है. शनिवार के दिन पर अमावस्या पड़ने से इसे शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) भी कहा जा रहा है. माना जाता है कि इस दिन शनिदेव (shani dev) की पूजा करने से उसका आशीर्वाद मिलता है और बुरा समय खत्म होता है.
मौनी अमावस्या तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की शुरुआत 21 जनवरी 2023, शनिवार को सुबह 6 बजकर 17 मिनट पर हो रही है. यानी सूर्योदय के साथ ही अमावस्या तिथि शुरू हो गई है, इसलिए शनिवार को ही ये पर्व मनाया जा रहा है.
दुर्लभ संयोग
साल 2023 की ये पहली शनिश्चरी अमावस्या है. ये एक दुर्लभ संयोग माना जा रहा है, क्योंकि ये संयोग सालों में एक बार आता है. आज से करीब 20 साल पहले फरवरी 2003 को शनिवार के दिन माघ मास की अमावस्या पड़ी थी, इसके बाद ये संयोग नहीं बना. 20 सालों बाद साल 2023 में ये संयोग फिर से बना है.
इस दिन का महत्व
मौनी अमावस्या पर मौन धारण करने से दान का कई गुना फल मिलता है. अगर आप दिन भर मौन न रख पा रहे हो तो दान करने से पहले मौन रखें, माना जाता है कि इससे दान का फल कई गुना बढ़ जाता है. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करें और फिर मौन रखते हुए दान करें. इस दिन पितृ पूजा का भी खास महत्व बताया जाता है. माना जाता है कि इस दिन पितृ पूजा करने से पितृ दोष का निवारण होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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