
Saal ka aakhri surya grahan kab hai: हर साल की तरह 2025 में भी कई खगोलीय घटनाएं देखने को मिली हैं. इन्हीं में से एक खास घटना है सूर्य ग्रहण, जो इस बार 21 सितंबर को लगेगा. यह इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण होगा. इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है, जो पितृ पक्ष का आखिरी दिन माना जाता है. चूंकि इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से हुई थी और अंत सूर्य ग्रहण से हो रहा है, इसलिए लोगों के मन में इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. मसलन, क्या यह भारत में दिखाई देगा? क्या इसका सूतक मान्य होगा? इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इसे लेकर क्या सावधानियां रखनी चाहिए? आइए सूर्य ग्रहण से जुड़े ऐसे ही 7 जरूरी सवालों के आसान जवाब को जानते हैं.
सूर्य ग्रहण से जुड़े 7 सवालों के जवाब
1. 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण कब शुरू होगा?
इस बार का सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 11:00 बजे शुरू होगा और इसका अंत रात 03:23 बजे होगा. कुल मिलाकर यह ग्रहण 4 घंटे 24 मिनट तक चलेगा. हालांकि भारत में यह रात के समय लगेगा, जब सूरज दिखाई ही नहीं देता, इसलिए यहां यह नहीं देखा जा सकेगा.
2. यह ग्रहण किस राशि और नक्षत्र में लगेगा?
इस बार सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में लग रहा है. जो लोग ज्योतिष में विश्वास करते हैं, उनके लिए यह जानकारी खास मानी जाती है. लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका कोई असर राशियों पर नहीं माना जाएगा.

3. क्या यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा?
नहीं, यह सूर्य ग्रहण भारत में कहीं भी नहीं दिखाई देगा. चूंकि यह पूरी तरह से दक्षिणी गोलार्ध में सीमित रहेगा, इसलिए भारत में इसका कोई दृश्य प्रभाव नहीं होगा. न ही इसे भारत के किसी हिस्से में नग्न आंखों से देखा जा सकेगा.
4. भारत में सूतक काल मान्य होगा या नहीं?
क्योंकि भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. सूतक वही जगह मान्य होता है जहां ग्रहण दिखाई देता है. ऐसे में धार्मिक गतिविधियों पर कोई रोक नहीं लगेगी और लोग पूजा-पाठ या श्राद्ध जैसे काम सामान्य रूप से कर सकेंगे.
5. यह सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?
यह ग्रहण न्यूजीलैंड, पश्चिम अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों, और नॉरफ़ॉक द्वीप के आसपास के क्षेत्रों में दिखाई देगा. क्राइस्टचर्च, ऑकलैंड, सिडनी, होबार्ट, और वेलिंग्टन जैसे शहरों में यह खगोलीय घटना नजर आएगी.
6. किन देशों में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा?
यह सूर्य ग्रहण भारत, नेपाल, श्रीलंका, अफगानिस्तान, यूएई, और लगभग सभी एशियाई देशों में नहीं दिखेगा. इसके अलावा यूरोप, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, और अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में भी यह दृश्य नहीं होगा.
7. सूर्य ग्रहण कब और क्यों लगता है?
सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन ही लगता है. जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब यह घटना होती है. चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और कुछ समय के लिए सूर्य का प्रकाश ढक जाता है. इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है. यह आंशिक या पूर्ण दोनों रूपों में हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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