फाइल फोटो
उज्जैन:
मध्य प्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान आज सोमवार की सुबह से दूसरा शाही स्नान शुरू हो गया है। इस दिन आकाश मंडल में दुर्लभ खगोलीय घटना भी होने वाली है, जिसे पारगमन कहा जाता है।
इस तरह यहां आने वाले श्रद्धालु अमृत स्नान के साथ इस दुर्लभ खगोलीय घटना के साक्षी भी बनेंगे। खास यह कि इस दिन अक्षय तृतीया भी है। दुर्लभ खगोलीय पारगमन घटना तब होती है, जब सूर्य व पृथ्वी के मध्य बुध या शुक्र ग्रह आता है।
अक्षय तृतीया के कारण होगी श्रद्धालुओं की भीड़...
शासकीय जीवाजी वेधशाला उज्जैन के अधीक्षक डॉ़ राजेन्द्र प्रकाश गुप्ता ने रविवार को कहा कि नौ मई, 2016 को बुध ग्रह सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य आ रहा है। मेला प्रशासन के अनुसार आज अक्षय तृतीया होने के कारण 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है।
उन्होंने आगे कहा, "बुध ग्रह आकार में छोटा है तथा पृथ्वी से दूर होने के कारण जब यह सूर्य के सामने आएगा तो एक बिंदु के समान काला धब्बा सूर्य की सतह पर दृष्टि गोचर होगा। बुध का पारगमन मई व नवम्बर माह में देखा जा सकता है। नवम्बर का बुध पारगमन 7, 13, अथवा 33 वर्ष के अन्तराल पर एवं मई का पारगमन 13 अथवा 33 वर्ष के अन्तराल पर होता है।"
1631 ई. में देखा गया था बुध का पहला पारगमन...
उन्होंने कहा, "बुध का पहला पारगमन सात नवम्बर, 1631 को देखा गया था। पिछले तीन पारगमन 15 नवम्बर, 1999, सात मई, 2003 तथा आठ नवम्बर, 2006 को हुए हैं। अगले पारगमन 11 नवम्बर, 2019, 13 नवम्बर, 2032, सात नवम्बर, 2039, सात मई, 2049 को होंगे।"
गुप्ता के अनुसार, "पारगमन की घटना सायं 4.43 बजे शुरू होगी और मध्य रात्रि 12.12 बजे तक चलेगी। चूंकि उज्जैन में नौ मई, 2016 को सूर्यास्त 6.59 बजे होगा, इसलिए उज्जैन में पारगमन साय 4.43 से 6.59 बजे तक ही देखा जा सकेगा।"
नंगी आंखों से देखना हो सकता है घातक...
उन्होंने बताया, "वेधशाला में बुध के पारगमन को दिखाने की व्यवस्था की गई है। बुध के पारगमन को सोलर फिल्टर युक्त टेलिस्कोप एवं सोलर फिल्टर युक्त चश्मे के माध्यम से दिखाया जाएगा।"
उन्होंने इस खगोलीय घटना को नंगी आंखों, धूप के चश्मे या वैल्डिंग कांच आदि से देखने को आंखों के लिए घातक बताया है।
इस तरह यहां आने वाले श्रद्धालु अमृत स्नान के साथ इस दुर्लभ खगोलीय घटना के साक्षी भी बनेंगे। खास यह कि इस दिन अक्षय तृतीया भी है। दुर्लभ खगोलीय पारगमन घटना तब होती है, जब सूर्य व पृथ्वी के मध्य बुध या शुक्र ग्रह आता है।
अक्षय तृतीया के कारण होगी श्रद्धालुओं की भीड़...
शासकीय जीवाजी वेधशाला उज्जैन के अधीक्षक डॉ़ राजेन्द्र प्रकाश गुप्ता ने रविवार को कहा कि नौ मई, 2016 को बुध ग्रह सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य आ रहा है। मेला प्रशासन के अनुसार आज अक्षय तृतीया होने के कारण 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है।
उन्होंने आगे कहा, "बुध ग्रह आकार में छोटा है तथा पृथ्वी से दूर होने के कारण जब यह सूर्य के सामने आएगा तो एक बिंदु के समान काला धब्बा सूर्य की सतह पर दृष्टि गोचर होगा। बुध का पारगमन मई व नवम्बर माह में देखा जा सकता है। नवम्बर का बुध पारगमन 7, 13, अथवा 33 वर्ष के अन्तराल पर एवं मई का पारगमन 13 अथवा 33 वर्ष के अन्तराल पर होता है।"
1631 ई. में देखा गया था बुध का पहला पारगमन...
उन्होंने कहा, "बुध का पहला पारगमन सात नवम्बर, 1631 को देखा गया था। पिछले तीन पारगमन 15 नवम्बर, 1999, सात मई, 2003 तथा आठ नवम्बर, 2006 को हुए हैं। अगले पारगमन 11 नवम्बर, 2019, 13 नवम्बर, 2032, सात नवम्बर, 2039, सात मई, 2049 को होंगे।"
गुप्ता के अनुसार, "पारगमन की घटना सायं 4.43 बजे शुरू होगी और मध्य रात्रि 12.12 बजे तक चलेगी। चूंकि उज्जैन में नौ मई, 2016 को सूर्यास्त 6.59 बजे होगा, इसलिए उज्जैन में पारगमन साय 4.43 से 6.59 बजे तक ही देखा जा सकेगा।"
नंगी आंखों से देखना हो सकता है घातक...
उन्होंने बताया, "वेधशाला में बुध के पारगमन को दिखाने की व्यवस्था की गई है। बुध के पारगमन को सोलर फिल्टर युक्त टेलिस्कोप एवं सोलर फिल्टर युक्त चश्मे के माध्यम से दिखाया जाएगा।"
उन्होंने इस खगोलीय घटना को नंगी आंखों, धूप के चश्मे या वैल्डिंग कांच आदि से देखने को आंखों के लिए घातक बताया है।
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