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Krishna Janmashtami 2025: 15 या 16 आखिर कब है कृष्ण जन्माष्टमी? जानें कान्हा की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त 

Shri Krishna Janmashtami 2025: रक्षाबंधन के पर्व के बाद अब लोगों पूर्णावतार माने जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी पर्व का इंतजार है. इस साल कब और किस शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा कान्हा का जन्मोत्सव? पूजा विधि से लेकर सभी जानकारी पाने के लिए पढ़ें ये लेख.

Krishna Janmashtami 2025: 15 या 16 आखिर कब है कृष्ण जन्माष्टमी? जानें कान्हा की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त 
कब मनाया जाएगा जन्माष्टमी का पर्व?

Shri Krishna Janmashtami 2025 date and time: भगवान श्री विष्णु के अवतार माने जाने वाले योगेश्वर कृष्ण (Shri Krishna) के जन्मोत्सव का इंतजार उनके भक्तों को पूरे साल बना रहता है. भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन मनाए जाने  इस पर्व की सही तारीख को लेकर भी लोगों में हर साल की तरह इस साल भी भ्रम बना हुआ है. जिस कृष्ण के दर्शन.पूजन और नाम जपने से जीवन के सभी दु:ख दूर और मनोकामनाएं पूरी पलक झपकते पूरी हो जाती हैं, आइए उनके जन्मोत्सव की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

कब है जन्माष्टमी 

दृक पंचांग (Panchang) के अनुसार इस साल जन्माष्टमी का पर्व दो दिन मनाया जाएगा. यह पर्व पहले 15 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा. इस तरह स्मार्त परंपरा से जुड़े लोग 16 अगस्त 2025 के दिन निशीथ काल की पूजा को 00:05 से 00:47 बजे तक कर सकेंगे. इस दिन जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले लोग 16 अगस्त 2025 की रात्रि को 09:24 के बाद पारण कर सकेंगे. इसी प्रकार इस्कॉन (Iskcon) भारत के कम्युनिकेशंस डायरेक्टर ब्रजेंद्र नंदन दास के अनुसार इस साल वैष्णवजन और तमाम आस्थावान लोग 16 अगस्त की रात को कान्हा के जन्म का उत्सव मनाते हुए 17 अगस्त 2025 को 00:05 से 00:47 बजे के बीच पूजा कर सकेंगे.

जन्माष्टमी पर कैसे करें कान्हा की पूजा 

जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए तन.मन से पवित्र होकर उनकी पूजा का सारा सामान जैसे दूध, दही, घी, शहद, तुलसी, पंचामृत, पंजीरी, शक्कर आदि अपने पास रख लें. सबसे पहले कान्हा की पूजा के लिए एक चौकी पर पीले वस्त्र बिछाएं और एक थाल में अपने बाल गोपाल को रखकर दूध, दही, घी, शहद, आदि से स्नान कराएं. इसके बाद उन्हें गंगाजल से एक बार फिर नहलाएं.

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फिर कान्हा की मूर्ति को साफ कपड़े से पोंछकर उनका वस्त्र, मोर मुकुट, चंदन आदि से श्रृंगार करें. इसके बाद कान्हों को पंजीरी, पंचामृत, मिठाई, फल आदि का भोग लगाएं. कान्हा की पूजा में भोग के साथ तुलसी अवश्य चढ़ाएं. पूजा के अंत में भगवान श्री कृष्ण की पूरे भक्तिभाव के साथ आरती करें. पूजा खत्म होने के बाद अधिक से अधिक लोगों को प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें. 

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा के उपाय

जन्माष्टमी के पर्व वाले दिन भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा पाने के लिए उनके भक्तों को अधिक से अधिक गाय की सेवा करनी चाहिए. साथ ही साथ जन्माष्टमी पर्व पर उनकी पूजा करते समय केसर मिश्रित दूध से उनका अभिषेक करना चाहिए. भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी दल चढ़ाने वाले भक्त पर भी भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा बरसती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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