
Shri kalhasti temple : जिनकी कुंडली में राहु और केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव होता है, तो उसका जीवन कष्टों और परेशानियों से भर जाता है. मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, शारीरिक समस्याएं और पारिवारिक कलह जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही, ज्योतिष शास्त्र में यह भी कहा जाता है कि राहु और केतु के दोष के कारण ही कालसर्प दोष का निर्माण होता है, जिसके कारण जातक को जीवन में बड़े संघर्ष का सामना करना पड़ता है. ऐसे में फिर आप कुछ विशेष ज्योतिषी उपाय करके इससे छुटकारा पा सकते हैं.
इसके अलावा आप आंध्रप्रदेश के श्री कालहस्ती मंदिर में जाकर दर्शन कर सकते हैं. यहां पर राहु केतु की पूजा की जाती है. यह राहु -केतु मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा और क्या खासियत है इस मंदिर की जानिए यहां...
श्री कालहस्ती मंदिर की विशेषता - Features of Sri Kalahasti Temple
- दक्षिण के पंचतत्व लिंगों में यह वायु तत्त्व लिंग माना जाता है. यानी पूजारी भी यहां पर लिंग का स्पर्श नहीं कर सकते हैं.
- मूर्ति के पास स्वर्ण पट्ट स्थापित है जिसपर शिवलिंग के लिए फूल-माला इत्यादि चढ़ाई जाती है.
- ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर ही अर्जुन ने प्रभु कालहस्ती वर के दर्शन किए थे.
- इस मंदिर में शिव लिंगी की ऊंचाई लगभग 4 फीट है.
- मंदिर का शिखर दक्षिण भारतीय शैली में बना है.
- मंदिर में तीन भव्य गोपुरम हैं. इसके साथ ही सौ स्तंभों वाला मंडप है, जिसमें स्थापत्य कला की झलक दिखती है.
- यहां पर कई शिवलिंग स्थापित हैं. आपको बता दें कि इस कालहस्ती मंदिर की आय सलाना लगभग 100 करुड़ से ज्यादा है.
कहां है मंदिर श्री कालहस्ती मंदिर - Where is the temple Sri Kalahasti Temple
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पास पेन्नार नदी की शाखा स्वर्णमुखी नदी के तट के पास श्रीकालहस्ती मंदिर स्थित है .
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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