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This Article is From Jul 08, 2022

Shravani Mela 2022: श्रावणी मेला 14 जुलाई से शुरू, जानें इस बार क्या रहने वाला है खास

Shravani Mela 2022: श्रावणी मेला विश्व भर में सबसे बड़ा मेला है. इस बार श्रावणी मेला 14 जुलाई, 2022 से शुरू होने जा रहा है.

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Shravani Mela 2022: श्रावणी मेला 14 जुलाई से शुरू, जानें इस बार क्या रहने वाला है खास
Shravani Mela 2022: श्रावणी मेला का आरंभ 14 जुलाई को होने वाला है.

Shravani Mela 2022: श्रावणी मेला शुरू होने में महज कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. दो साल बाद इस बार बाबा नगरी देवघर (Deoghar) में श्रावणी मेला (Shravani Mela) का आयोजन होने जा रहा है. बीते दो साल से कोरोना महामारी के कारण श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हो रहा था, लेकिन इस बार श्रावणी मेला के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. श्रावणी मेला पूरे एक महीने चलता है. इस बार श्रावणी मेला का आरंभ 14 जुलाई को होने जा रहा है. बता दें कि सावन (Sawan) में कांवरिया सुल्तानगंज (Sultanganj) के उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर नंगे पांव 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए देवघर के बाबा धाम मंदिर में जलार्पण करते हैं. आइए जानते हैं विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का बारे में खास बातें.

विश्व प्रसिद्ध है श्रावणी मेला | World Famous Shravani Mela

इस साल श्रावणी मेला 14 जुलाई से आरंभ होने वाला है. जो कि अगले एक महीने तक चलेगा. यह मेला विश्व भर में सबसे बड़ा मेला माना जाता है. श्रावणी मेला की अवधि में कांवरिया 105 किलोमीटर की पांव पैदल यात्रा करते हुए देवघर स्थित बारा बैद्यनाथ मंदिर जाते हैं. भक्त मंदिर पहुंचकर बाबा को जल अर्पित करते हैं. श्रावणी मेला के दौरान भोलेनाथ के भक्त सुल्तानगंज से कांवड़ में जल भोलेनाथ को अर्पित करने के लिए देवघर जाते हैं.

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जहाज घाट तक पहुंचा पानी

इस बार कांवरियों के लिए आकर्षण का केंद्र जहाज घाट होगा. नमामि गंगे योजना के तहत जहाज घाट का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. 125 मीटर लंबा और 40 मीटर चौड़ा जहाज घाट का निर्माण किया गया है. सीढ़ी के आगे दो तरह से बेरीकेडिंग की गई हैं. हरिद्वार की तर्ज पर लोहे के पीलर के साथ सिकड़ की व्यवस्था की गई है. जलस्तर बढऩे की स्थिति में लड़की के गोल से अलग से बेरीकेडिंग की गई है. यह घाट कांवरियों को फीलगुड कराएगी.

बाबा अजगैबीनाथ के दर्शन में नहीं होगी दिक्कत

इस बार बाबा अजगैबीनाथ के दर्शन में भी कांवरियों को दिक्कत नहीं होगी. पुल पर शेड डाला गया है. रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी. कांवरियों को दिन-रात में फर्क महसूस नहीं होगा. साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था दिख रही है. धांधी बेलारी में डेढ़ हजार कांवरियों के ठहरने के लिए रैन शेल्टर बनाया गया है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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