विज्ञापन
This Article is From Jul 31, 2019

Shravan Amavasya 2019: 1 अगस्‍त को है श्रावण अमावस्‍या, जानिए हरियाली अमावस की पूजन विधि और महत्‍व

श्रावण अमावस को पितृ पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है. इस दिन घर का सबसे बड़ा सदस्‍य प‍ितृ तर्पण कर अपने पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है. 

Shravan Amavasya 2019: 1 अगस्‍त को है श्रावण अमावस्‍या, जानिए हरियाली अमावस की पूजन विधि और महत्‍व
Shravan Amavas (श्रावण अमावस)
नई दिल्ली:

श्रावण अमावस (Shravan Amavas) को हरियाली अमावस्‍या (Hariyali Amavasya) कहा जाता है. वहीं ओड‍िशा में इसे चितलगी अमावस्‍या (Chitalagi Amavasya) कहते हैं तो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में इसका नाम चुक्कला अमावस्‍या (Chukkala Amavasya) है. दूसरी तरफ महाराष्‍ट्र में श्रावण अमावस्‍या को गटारी अमावस्‍या (Gatari Amavasya) के नाम से जाना जाता है. 

श्रावण अमावस्‍या कब है
इस बार श्रावण मास की अमावस्‍या 1 अगस्‍त को है. 

हरियाली तीज और नाग पंचमी, अगस्त के पहले हफ्ते में मनाए जाएंगे ये दो खास पर्व

श्रावण अमावस्‍या का महत्‍व 
हिन्‍दू मान्‍यताओं में अमावस्‍या या अमावस (Amavas) को सर्वाधिक धार्मिक और आध्‍यात्मिक महत्‍व दिया गया है. वैसे तो हर महीने अमावस्‍या आती है, लेकिन श्रावण मास की अमावस भगवान शिव शंकर के प्रिय महीने सावन में आती है इसलिए इस दिन विशेष रूप से पूजा-पाठ और दान-पुण्‍य किया जाता है.  सावन के महीने में चारों ओर हरियाली होने की वजह से इसे हरियाली अमावस्‍या भी कहा जाता है. इस अमावस्‍या के दो दिन बाद हरियाली तीज (Hariyali Teej) आती है.

जगन्नाथ मंदिर के भीतर पान, तंबाकू पर प्रतिबंध, उल्लंघन करनेवालों पर 500 रुपये का जुर्माना

श्रावण अमावस्‍या की पूजन विधि 
- अमावस्‍या को पितृ पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है. इस दिन घर का सबसे बड़ा सदस्‍य प‍ितृ तर्पण कर अपने पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है. 
- इस दिन अपने पितरों के पसंद का खाना बनाकर उसे ब्राह्मणों को खिलाने का विधान है. 
- हरियाली अमावस के दिन लोग शिव शंकर की विशेष रूप से पूजा करते हैं. लोग धन-धान के लिए शिवजी से प्रार्थना करते हैं. मान्‍यता है कि श्रावण अमावस्‍या के दिन भोले नाथ की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. 
- कई लोग श्रावण अमावस्‍या के दिन उपवास भी करते हैं. इस दिन व्रती सुबह उठकर पवित्र नदियाों में स्‍नान कर स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करते हैं. इसके बाद व्रत का संकल्‍प लेकर दिन पर निराहार रहते हैं. फिर शाम ढलने पर सात्विक भोजन ग्रहण अपना उपवास तोड़ते हैं. मान्‍यता है कि इस दिन जो भी सच्‍चे मन से व्रत करता है उसके पास धन और वैभव की कोई कमी नहीं रहती है.
- श्रावण अमावस्‍या के दिन पवित्र नदियों में स्‍नान के बाद ब्राह्मणों, गरीबों और वंचतों को यथाशक्ति दान-दक्षिणा दी जाती 
- श्रावण अमावस्‍या के मौके पर देश के कई हिस्‍सों में मेलों का आयोजन भी होता है. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com