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शिव लिंग और ज्योतिर्लिंग में क्या अंतर है, ये कितने प्रकार के होते हैं, देश में कुल कितने ज्योतिर्लिंग हैं, जानिए यहां...

ज्योतिर्लिंग एवं शिव लिंग दोनों ही भगवान शिव के स्वरूप एवं प्रतीक हैं. इनकी पूजा तीनों लोकों में बेहद श्रद्धा भाव के साथ की जाती है. इन दोनों में विशेष अंतर होते हैं, जिसके बारे में बता रहे हैं आगरा के ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र. 

शिव लिंग और ज्योतिर्लिंग में क्या अंतर है, ये कितने प्रकार के होते हैं, देश में कुल कितने ज्योतिर्लिंग हैं, जानिए यहां...
ज्योतिर्लिंग वह होता है, जहां स्वयं भगवान शिव ज्योति के रूप में प्रकट हुए थे.

Differences between Shiv ling aur jyotirlinga : भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं. इनको आशुतोष भगवान भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है- जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान. जिनकी पूजा देव, दानव, मानव, यक्ष, किन्नर आदि द्वारा तीनों लोकों में सभी करते हैं. भगवान शिव जी की पूजा कई रूपों में की जाति है.  ज्योतिर्लिंग एवं शिव लिंग दोनों ही भगवान शिव के स्वरूप एवं प्रतीक हैं. इनकी पूजा तीनों लोकों में बेहद श्रद्धा भाव के साथ की जाती है. इन दोनों में विशेष अंतर होते हैं, जिसके बारे में बता रहे हैं आगरा के ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र. 

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ज्योतिर्लिंग क्या है

ज्योतिर्लिंग वह होता है, जहां स्वयं भगवान शिव ज्योति के रूप में प्रकट हुए थे. उसे ज्योर्तिलिंग कहा जाता है. ज्योतिर्लिंग का अर्थ है ज्योति अर्थात 'प्रकाश' और लिंग का अर्थ है 'चिन्ह' यानी प्रकाश रूपी शिव का चिन्ह.  ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के दिव्य अवतरण स्थल माने जाते हैं. इसके बारे में पुराण, शिव पुराण और लिंग पुराण में विस्तार से बताया गया है. देश में 12 ज्योतिर्लिंग प्रमुख हैं, जो विशेष तीर्थ स्थलों पर स्थित हैं. ये बेहद प्राचीन और अत्यंत पवित्र हैं. ज्योतिर्लिंग की पूजा का एक विशेष विधान और समय होता है. 

भारत में कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं, इस प्रकार हैं-

  • पहला ज्योतिर्लिंग - सोमनाथ
  • दूसरा ज्योतिर्लिंग - मल्लिकार्जुन
  • तीसरा महाकालेश्वर
  • चौथा ओंकारेश्वर
  • पांचवां - केदारनाथ
  • छठा - भीमाशंकर
  • सातवां- काशी विश्वनाथ
  • आठवां - त्र्यंबकेश्वर
  • नौवां - बैद्यनाथ
  • दसवां- नागेश्वर
  • ग्यारहवां -  रामेश्वरम
  • बारहवां -  घृष्णेश्वर

शिवलिंग क्या है 

शिवलिंग भगवान शिव का  प्रतीकात्मक रूप है, जो शिव के निराकार स्वरूप का प्रतिनिधित्व करते हैं. शिवलिंग मानव द्वारा स्थापित किए गए हैं. इनमें से कुछ तो स्वयंभू हैं और फिर उनको मंदिरों में स्थापित किया जाता है. 

शिवलिंग कई प्रकार के पाए जाते हैं- 

  • अंडाकार शिवलिंग - यह शिवलिंग मनुष्य द्वारा निर्मित होता है.
  • पारद शिवलिंग- यह पारे धातु से बना शिवलिंग होता है, जो मनुष्य द्वार निर्मित है.
  • स्वयंभू शिवलिंग- जहां शिव लिंग स्वयं प्रकट हुआ हैं, जैसे ज्योतिर्लिंग.
  • देव शिवलिंग- देवताओं द्वारा स्थापित शिवलिंग को देव शिवलिंग कहते हैं. 
  • असुर शिवलिंग-  असुरों द्वारा स्थापित शिवलिंग को असुर शिवलिंग कहते हैं. 
  • पुराणिक शिवलिंग-पौराणिक काल के व्यक्तियों द्वारा स्थापित शिवलिंग को पुराणिक शिवलिंग कहते हैं. 
  • मनुष्य शिवलिंग-मनुष्य द्वारा बनाए गए शिवलिंग जैसे कि पत्थर, धातु, मिट्टी, गोबर या अन्य सामग्रियों से बने शिवलिंग. 

शिव लिंग की नियमित पूजा की जाती है और दूध जल बेलपत्र आदि चढ़ाए जाते हैं. शिवलिंग को घर में भी रखा जा सकता है और उनकी पूजा की जा सकती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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