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This Article is From Sep 24, 2022

शारदीय नवरात्रि पर रहने वाला है कुछ ही मिनटों के लिए कलश स्थापना का अभिजीत महुर्त, जानिए क्या है सही समय 

Shardiya Navratri Ghatasthapana: नवरात्रि पर मान्यतानुसार घटस्थापना की जाती है. जानिए इस वर्ष घटस्थापना का शुभ मुहुर्त कब से कब तक है. 

शारदीय नवरात्रि पर रहने वाला है कुछ ही मिनटों के लिए कलश स्थापना का अभिजीत महुर्त, जानिए क्या है सही समय 
Shardiya Navratri 1st Day: इस समय पर की जाएगी घटस्थापना. 

Shardiya Navratri 2022: आने वाली 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो रही है. हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिनों को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और देश के अनेक हिस्सों में धूमधाम से दुर्गा पूजा (Durga Puja) का जश्न मनाया जाता है. नवरात्रि के पहले दिन व्रत रखने वाले भक्त घर के मंदिर में माता की चौकी लगाते हैं और कलश की स्थापना करते हैं. ज्योतिष के अनुसार कलश की स्थापना (Kalash sthapana) विशेष मुहुर्त में होती है और इस इस बार कुछ ही घंटों के लिए घटस्थापना (Ghatasthapna) की जाएगी. आइए जानते हैं. 

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घटस्थापना का शुभ मुहुर्त | Ghatasthapana Shubh Muhurt


शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 26 सिंतबर की तारीख पर है और आखिरी दिन 4 अक्टूबर होगा. ज्योतिष के अनुसार प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर के दिन सुबह 3 बजकर 23 मिनट से शुरू हो रही है जोकि 27 सितंबर के दिन सुबह 3 बजकर 8 मिनट तक रहेगी. इस चलते घटस्थापना का शुभ मुहुर्त सोमवार, 26 जनवरी सुबह 6 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 51 मिनट तक बताया जा रहा है.  इसके अलावा घटस्थापना का अभिजित मुहुर्त 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. 

ध्यान रखें ये बातें 

कलश या घटस्थापना करके समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. 

  • सुबह सबसे पहले निवृत्त होकर नहा लेना चाहिए और उसके बाद ही घट को हाथ लगाना चाहिए. 
  • घटस्थापना के लिए कलश के ऊपर नारियल (Nariyal) रखा जाता है. 
  • जहां कलश रखा जाना है उस स्थान को मान्यतानुसार गंगाजल से साफ करना चाहिए. 
  • इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर कलश रखा जाता है. 
  • पूजा की सामग्री में दूर्वा, सिक्का, सुपारी, लाल चुनरी, हल्दी, नारियल, अक्षत और दीपक शामिल होता है. 
  • नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री (Ma Sharilputri) को समर्पित है इसीलिए इस दिन शैलपुत्री माता की विशेष पूजा होती है. 
     

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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