Sharad Purnima की रात खीर रखने की सही वक्त और तरीका, जानिए यहां
नई दिल्ली:
कोजागरी पूर्णिमा (Kojagiri or Kojagara Purnima), 'महारास' या 'रास पूर्णिमा' (Maha Raas Leela or Raas Purnima), 'कौमुदी व्रत' (Kamudi Vrat) और 'कुमार पूर्णिमा' (Kumar Purnima) के नाम से प्रसिद्ध है शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima). इस दिन रात को खास खीर बनाकर चांद के नीचे रखे की परपंरा है. मान्यताओं की मानें तो इस खीर के कई सेहत से जुड़े फायदे होते हैं. वहीं, इसे एक खास मुहूर्त पर खुले आसमान में रखा जाता है. अगर आप भी शरद पूर्णिमा की रात खीर को बाहर रखने का सोच रही हैं तो यहां जाने सही वक्त और रखने का तरीका.
जानिए शरद पूर्णिमा की खीर खाने के सेहत से जुड़े चौंका देने वाले फायदे
शरद पूर्णिमा की खीर को बाहर रखने का शुभ मुहूर्त और तरीका :
1. 24 अक्टूबर को चांद निकलने का समय है शाम 05.58. इसी वक्त खीर बनाकर खुले आसमान में रखें.
2. अगर आपके पास खुले आसमान की व्यवस्था नहीं है तो खीर ऐसी जगह रखें जहां चांद की रोशनी खीर पर आए.
3. खीर को मिट्टी या चांदी के बर्तन में ही बाहर रखें.
4. साथ ही ध्यान दें कि खीर को सुरक्षित स्थान पर रखें, इसे कोई जानवर झूठा ना कर सके.
5. खीर रात 12 बजने के बाद उठा लें और फिर प्रसाद के तौर पर खीर को बांटें और खाएं.
शरद पूर्णिमा से जुड़ी 5 मान्यताएं, जो इस रात को बनाती हैं और भी खास
शरद पूर्णिमा की खीर का वैज्ञानिक कारण :
दूध में भरपूर मात्रा में लैक्टिक एसिड होता है, जो चांद की तेज़ रोशनी में दूध के और अच्छे बैक्टिरिया को बनाने में सहायक होता है. वहीं, चावलों में मौजूद स्टार्च इस काम को और आसान बनाने में सहायक होता है. वहीं, चांदी के बर्तन में रोग-प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है. मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी सबसे तेज़ होती है. इन्हीं सब कारणों की वजह से शरद पूर्णिमा की रात बाहर खुले आसमान में रखी खीर फायदेमंद बताई जाती है.
Sharad Purnima 2018: आसमान से आज बरसेगा अमृत, शरद पूर्णिमा की खीर के साथ इन मैजेस के जरिए भी भरें और मिठास
जानिए शरद पूर्णिमा की खीर खाने के सेहत से जुड़े चौंका देने वाले फायदे
शरद पूर्णिमा की खीर को बाहर रखने का शुभ मुहूर्त और तरीका :
1. 24 अक्टूबर को चांद निकलने का समय है शाम 05.58. इसी वक्त खीर बनाकर खुले आसमान में रखें.
2. अगर आपके पास खुले आसमान की व्यवस्था नहीं है तो खीर ऐसी जगह रखें जहां चांद की रोशनी खीर पर आए.
3. खीर को मिट्टी या चांदी के बर्तन में ही बाहर रखें.
4. साथ ही ध्यान दें कि खीर को सुरक्षित स्थान पर रखें, इसे कोई जानवर झूठा ना कर सके.
5. खीर रात 12 बजने के बाद उठा लें और फिर प्रसाद के तौर पर खीर को बांटें और खाएं.
शरद पूर्णिमा से जुड़ी 5 मान्यताएं, जो इस रात को बनाती हैं और भी खास
शरद पूर्णिमा की खीर का वैज्ञानिक कारण :
दूध में भरपूर मात्रा में लैक्टिक एसिड होता है, जो चांद की तेज़ रोशनी में दूध के और अच्छे बैक्टिरिया को बनाने में सहायक होता है. वहीं, चावलों में मौजूद स्टार्च इस काम को और आसान बनाने में सहायक होता है. वहीं, चांदी के बर्तन में रोग-प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है. मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी सबसे तेज़ होती है. इन्हीं सब कारणों की वजह से शरद पूर्णिमा की रात बाहर खुले आसमान में रखी खीर फायदेमंद बताई जाती है.
Sharad Purnima 2018: आसमान से आज बरसेगा अमृत, शरद पूर्णिमा की खीर के साथ इन मैजेस के जरिए भी भरें और मिठास
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं